टोंक। टोंक देवली क्षेत्र के नापाखेड़ा गांव से गुजरने वाली बनास नदी में शनिवार की सुबह एक युवक का शव पानी में देखा गया. दरअसल यह वही युवक है। जिसकी बाइक, मोबाइल व जैकेट गत सोमवार बनास पुलिया पर मिला था। इस आधार पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने युवक के डूबने की आशंका पर लगातार 48 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया था, लेकिन तब युवक का शव नहीं मिला था. जानकारी के अनुसार युवक का नाम बिलासपुर थाना नगरफोर्ट निवासी सुरेश पुत्र गोपीलाल गुर्जर है जो 14 जनवरी की दोपहर 2 बजे परिवार को टोंक जाने की बात कहकर छोड़ गया था. इसके बाद वह घर नहीं लौटा। जबकि युवक की बाइक, जैकेट और मोबाइल यहां सावर मार्ग स्थित नपाखेड़ा गांव के बनास पुलिया पर मिला। इसके बाद सूचना पर अजमेर की एसडीआरएफ की टीम और हनुमाननगर पुलिस ने युवक के डूबने के आधार पर लगातार दो दिन तक तलाशी अभियान चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली.
लिहाजा पुलिस को सर्च ऑपरेशन रोकना पड़ा। इसके बाद शनिवार को नदी में शव दिखाई दिया। ग्रामीणों का कहना है कि शव भी मछली पकड़ने के जाल में फंसा हुआ था। जिससे पता चला। ग्रामीणों ने इसकी सूचना हनुमान नगर पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकाला। उधर, परिजनों को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव की शिनाख्त सुरेश गुर्जर के रूप में की है.
गौरतलब हो कि नेगड़िया में बनास नदी और उससे पहले नपाका खेड़ा में बनास नदी लंबे समय से सुसाइड प्वाइंट बनती आ रही है. जहां अब तक करीब आधा दर्जन युवकों की जान जा चुकी है। यह जगह हत्यारों के शवों को ठिकाने लगाने के लिए भी मुफीद साबित हो रही है। उल्लेखनीय है कि नेगड़िया के कोटा रोड निवासी एक युवक ने पुलिया से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. इसी तरह मालपुरा निवासी अवसादग्रस्त युवक ने भी पिछले साल यहां नापका खेड़ा पुलिया से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले मालेदा के पास कंवर जी के कालेड़ा के दो लोगों ने एक विवाहिता की हत्या कर शव को यहां फेंक दिया था. जबकि पिछले कुछ सालों में भी कई लोगों की जान जा चुकी है.