कोटा न्यूज़: राज्य सरकार ने कोटा में दो नगर निगम तो बना दिए लेकिन फिलहाल दोनों एक ही भवन में संचालित हो रहे हैं। कोटा उत्तर निगम का नया भवन बनाने के लिए जगह तो चिन्हित कर ली गई है लेकिन उस जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाने के 6 माह बाद तक उसकी डीपीआर तक नहीें बनी है। निगम को डीपीआर बनाने का ही टेंडर तीसरी बार करना पड़ा है। कोटा में दो नगर निगम बनने के बाद वर्तमान भवन नगर निगम कोटा दक्षिण के अधिकार क्षेत्र में है। ऐसे में कोटा उत्तर नगर निगम के नए भवन के लिए पहले तो जगह की तलाश की गई। लेकिन दो जगह फाइनल होने के बाद उसे निरस्त कर दिया गया। अब 'वाला तोप के पास पुरानी सब्जीमंडी की जगह को भवन के लिए चिन्हित किया गया है। उस जमीन पर पिछले कई सालों से अतिक्रमण हो रहा था। जिसे नगर विकास न्यास के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने 6 माह पहले जून में अतिक्रमण से मुक्त कराया था। करीब 25 हजार वर्ग मीटर जमीन की कीमत सौ करोड़ रुपए से अधिक है। अतिक्रमण से मुक्त होते ही इस जमीन को कोटा उत्तर नगर निगम के नए भवन के लिए चिन्हित कर दिया गया था।
6 माह में तीसरी बार किए डीपीआर के टेंडर: अतिक्रमण मुक्त जमीन पर कोटा उत्तर निगम का भवन बनाने से पहले उसकी डीपीआर तैयार की जानी है। उस डीपीआर को बनाने के लिए नगर निगम द्वारा पूर्व में दो बार टेंडर किए गए। लेकिन दोनों बार ही जितनी भी फर्म टेंडर में शामिल हुई वे टेंडर की शर्तों को ही पूरा नहीं कर सकी। जिससे दोनों बार किए गए टेंडर निरस्त हो गए। निगम ने अब एक दिन पहले ही तीसरी बार फिर से डीपीआर के टेंडर जारी किए हैं। हालांकि इस बार शॉर्ट टर्म टेंडर किया गया है। साथ ही शर्तो में भी बदलाव किया है।
डीपीआर के अनुसार ही बनेगा भवन: नगर निगम सूत्रों के अनुसार कोटा उत्तर का नया भवन बहुमंजिला बनाया जाएगा। जिसकी लागत ही करोड़ों में होगी। ऐसे में उसकी डीपीआर(डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार होने के बाद भी भवन की डिजाइन के हिसाब से भवन का काम शुरू होगा। लेकिन अभी तक तो डीपीआर ही नहीं बनी है। उसके बनने में ही महीनों लगेंगे। वह फाइनल होगी। उसके बाद भवन के टेंडर समेत अन्य प्रक्रिया व औपचारिकताएं की जाएंगी। जिसमें काफी समय लग जाएगा। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले भवन का निर्माण कार्य शुरू हो पाना मुश्किल है।
पहले टेंडर के बाद निरस्त करनी पड़ी डीपीआर: गौरतलब है कि नगर निगम कोटा उत्तर के नए भवन के लिए पूर्व में स्टेशन रोड पर जगह प्रस्तावित की गई थी। उसके लिए डीपीआर बनाने का टेंडर भी जारी हो गया था। करीब 16 लाख रुपए में डीपीआर बनाने का कार्यादेश भी जारी हो गया था। लेकिन कार्यादेश जारी होने के बाद बीच में ही उस जगह को कैंसिल करने के कारण डीपीआर ही निरस्त करनी पड़ी थी।
कोटा उत्तर के नए भवन की डीपीआर का टेंडर दो बार जारी कर चुके हैं। लेकिन कोई भी फर्म उसकी तकनीकी बिड में ही पास नहीं हो पा रही है। जिससे प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। अब कुछ शर्तों में बदलाव के साथ तीसरी बार टेंडर जारी किया है। डीपीआर बनने के बाद ही अगली प्रक्रिया शुरू होगी।
- प्रेम शंकर शर्मा, मुख्य अभियंता नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण