कांग्रेस की छात्रसंघ चुनावों के परिणामों से उड़ी नींद

Update: 2022-08-28 07:57 GMT

जयपुर न्यूज: राजस्थान के विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं और ये नतीजे राज्य सरकार के साथ ही सत्ताधारी पार्टी की नींद उड़ाने के लिए पर्याप्त माने जा सकते हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े छात्र संगठन एनएसयूआई को राजस्थान के 15 विश्वविद्यालयों में से एक भी विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में जीत नहीं मिल सकी है। हालात तो यह भी बताते हैं कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत 14 दिग्गज भी अपने असर से अपने-अपने क्षेत्र में जीत नहीं दिला सके। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनावो में कांग्रेस की जीत मुश्किल हो सकती है। राजस्थान छात्रसंघ चुनाव में जिन यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई चुनाव हारी है, वहां से सरकार के 16 मंत्री आते हैं, जिन में से 14 दिग्गजों का तो उन यूनिवर्सिटी और कॉलेज से सीधा नाता रहा है। सीएम अशोक गहलोत तो जेएनवीयू के पूर्व विद्यार्थी भी रहे हैं। वहीं सीकर के एसके कॉलेज में गोविंद डोटासरा ने पढ़ाई की है। इसी तरह राजस्थान विश्वविद्यालय में मंत्री महेश जोशी और प्रताप सिंह छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। भरतपुर का महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय खुद विश्वेंद्र सिंह के पूर्वजों के नाम से है। ऐसे में इन सभी यूनिवर्सिटी से ज्यादातर मंत्रियों का जुड़ाव भी रहा है और इनमे एनएसयूआई की हार कांग्रेस की की नींद उड़ा रही है।

सत्ताधारी दल का विश्वविद्यालय के चुनाव में दखल कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन मोटे तौर पर मान्यता है कि दखल तो होता ही है और यह किसी से छिपा भी नहीं है। इसके बावजूद भी सत्ताधारी दल के छात्र संगठन एनएसयूआई को हार मिलना अपने आप में पार्टी और नेतृत्व के सामने भारी सवाल खड़े करता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जोधपुर से कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी रहे वैभव गहलोत के गृह जिले जोधपुर में दो विश्वविद्यालय में चुनाव हुए है। यह दिनों यूनिवर्सिटी यानी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय और एमबीएम यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई को हार का सामना करना पड़ा, जिस जेएनवीयू में कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पढ़ाई की थी, उसमें एसएफआई के अरविंद सिंह भाटी और एमबीएम से निर्दलीय चंद्रांशु खीरीया ने चुनाव जीता है।

राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर में शेखावाटी विश्वविद्यालय और जिस एसके कॉलेज जहां से डोटासरा ने अपनी पढ़ाई की, वहां भी एनएसयूआई की हार हुई है। शेखावटी विश्वविद्यालय से एसएफआई के विजेंद्र कुमार ढाका और एस के कॉलेज से भी एसएफआई का ही पैनल जीता है। सचिन पायलट की परंपरागत लोक सभा सीट अजमेर को माना जाता है। यहां महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी से एबीवीपी के महिपाल गोदारा चुनाव जीते हैं। वहीं जिस टोंक विधानसभा से सचिन पायलट विधायक हैं, वहां गवर्नमेंट पीजी कॉलेज टोंक में भी एबीवीपी ने जीत दर्ज की है। राजस्थान की सबसे प्रतिष्ठित राजस्थान यूनिवर्सिटी में निर्दलीय ने चुनाव जीता है। वहीं, राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी और हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी में भी निर्दलीयों ने ही बाजी मारी है। इन चुनावो की हार ने सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की नींद उड़ा दी है। 

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