कांग्रेस MLA और युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

विधानसभा सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है.

Update: 2022-05-18 13:04 GMT

नई दिल्ली: गुजरात में कांग्रेस के युवा नेता हार्दिक पटेल के पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद राजस्थान सरकार में भी एक कांग्रेस विधायक ने विधानसभा सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है. युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और डूंगरपुर (dungarpur) से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा (mla ganesh ghoghra) ने विधानसभा क्षेत्र डूंगरपुर से अपनी विधानसभा सदस्यता त्याग दी है. घोघरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भेजे पत्र में खुद को दरकिनार करने के साथ ही उनकी आवाज दबाने के आरोप लगाए हैं. बता दें कि बीते मंगलवार को डूंगरपुर जिले में एसडीएम समेत 22 सरकारी कर्मचारियों को बंधक बनाने के मामले में कांग्रेस विधायक (congress mla) गणेश घोघरा समेत 60 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था जिसके बाद घोघरा नाराज चल रहे थे.

मालूम हो कि पूरा मामला डूंगरपुर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सुरपुर से जुड़ा हुआ है जहां प्रशासन गांव के संग अभियान के फॉलोअप शिविर में आए उपखंड अधिकारी सहित 22 कार्मिकों को नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को ग्राम पंचायत भवन में बंद कर दिया था. वहीं इसके बाद डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने ग्रामीणों के साथ पंचायत भवन के बाहर धरना भी दिया था.
विधायक घोघरा ने अपनी विधायकी से इस्तीफा देते हुए कहा कि एक सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक होते हुए भी अधिकारी उनकी कोई बात नहीं सुनते हैं. सीएम गहलोत को भेजे इस्तीफे में घोघरा ने आरोप लगाया है कि जनता की आवाज उठाने पर प्रशासन के अधिकारियों की तरफ से लगातार दबाव बनाया जाता है.
घोघरा ने कहा कि मैं हमेशा जनता की आवाज उठाता आया हूं लेकिन सरकारी अधिकारी जनता का शोषण कर रहे हैं. बता दें कि बीते 4 महीनों में अपने इलाके में विधायक गणेश घोगरा का यह तीसरा धरना है. इससे पहले वह पुलिस और डिस्कॉम अधिकारियों के खिलाफ धरने पर बैठ चुके हैं.
बता दें कि मंगलवार को जिले की सुरपुर ग्राम पंचायत में पट्टे देने के मामले में विवाद होने के बाद जमकर बवाल हुआ था. डूंगरपुर विधायक गणेश घोगरा ने एसडीएम समेत कुछ कर्मचारियों को पंचायत भवन के अंदर ताला लगाकर बंद कर दिया और बाहर खुद धरने पर बैठ गए थे.
प्रशासन गांवों संग अभियान के फॉलोअप शिविर में कुछ लोगों को पट्टे नहीं मिलने के बाद विधायक नाराज थे. विधायक ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने झूठ बोलकर कहा कि मेरे हस्ताक्षर नहीं हुए इसलिए लोगों को पट्टे नहीं दिए जाएंगे.


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