मुख्यमंत्री ने पाली में बिपरजॉय प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वे, प्रभावितों से की मुलाकात

Update: 2023-06-21 12:17 GMT

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को पाली जिले में बिपरजॉय चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। उन्होंने पाली सर्किट हाउस में प्रभावित लोगों से मुलाकात की। गहलोत ने सभी की आत्मीयता से समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को त्वरित राहत पहुंचाने व सर्वे कराकर नियमानुसार मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए।

गहलोत को प्रभावितों ने अपने नुकसान के बारे में बताया। साथ ही, उन्होंने प्रशासन और पुलिस द्वारा किए गए राहत कार्यों की सराहना की। प्रभावित लोगों ने कहा कि प्रशासन द्वारा समय रहते की गई पूर्व तैयारियों से भी नुकसान कम हुआ है। बचाव एवं राहत कार्यों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य स्वयंसेवकों ने दिन-रात काम किया।

मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मिलने के बाद जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, उपखंड अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने प्रशासन के सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए सड़क, बिजली के पोल सहित अन्य आवश्यक सेवाओं के संबंध में त्वरित कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवकों, आपदा मित्रों ने विषम परिस्थितियों में बेहतर तरीके से बचाव कार्य किए हैं।

गहलोत ने कहा कि बिपरजॉय चक्रवाती तूफान के आने से पूर्व ही प्रशासन ने 15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। वहीं, तूफान के दौरान दो हजार से अधिक लोगों को बचाव टीमों द्वारा सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। राहत एवं बचाव कार्यों की मुख्य सचिव सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने नियमित निगरानी रखे हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने की अपील

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे जलभराव वाली जगहों पर नहीं जाएं, नदियों में नहीं उतरें और बच्चों को तैरने से रोकें। तेज बहाव में पैदल या वाहन से भी नहीं गुजरें। अनहोनी का अंदेशा होने पर जिला प्रशासन को तुरंत सूचित करें।

इस दौरान आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविंद राम मेघवाल, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल, मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीर सिंह जोजावर, मुख्यमंत्री सलाहकार निरंजन आर्य, पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़, जिला कलक्टर नमित मेहता और जिला पुलिस अधीक्षक गगनदीप सिंगला भी साथ रहे।

मुख्यमंत्री ने जालोर में की जनसुनवाई

मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह सर्किट हाउस में बिपरजॉय चक्रवात प्रभावितों तथा परिवादियों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। श्री गहलोत ने संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर सहित विभागीय अधिकारियों से चर्चा भी की। उन्होंने क्षति का आकलन कर प्रभावितों को हरसंभव राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।

गहलोत ने सर्किट हाउस में कहा कि ‘बिपरजॉय’ चक्रवात से प्रभावितों को हरसंभव सहायता पहुंचाई जाएगी। जिले में क्षतिग्रस्त सड़क व विद्युत व्यवस्था को प्राथमिकता से जल्द दुरूस्त किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जनसेवा में कोई कमी नहीं रखी है। ओल्ड पेंशन स्कीम, राइट टू हेल्थ, सामाजिक सुरक्षा, महंगाई राहत कैंप, लम्पी से मृत पशुओं के मामलों में आर्थिक सहायता, 100 यूनिट फ्री बिजली, शहरी रोजगार गारंटी सहित विभिन्न योजनाओं से आमजन को संबल दिया है।

गहलोत ने कहा कि शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में राज्य अग्रणी बना है। राजस्थान मॉडल को अन्य राज्य भी अपना रहे हैं। देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने शांति एवं अहिंसा विभाग खोला है, जिससे युवा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ के नियमों में हुए बदलाव की वजह से राहत की प्रक्रिया में जटिलता आई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि आपदा नियमों के साथ ही फसल बीमा की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। इस दौरान आपदा एवं प्रबंधन मंत्री गोविन्दराम मेघवाल, श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई, जन अभियोग निराकरण समिति अध्यक्ष पुखराज पाराशर, पूर्व उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, पूर्व विधायक डॉ. समरजीत सिंह सहित रहे।

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