CM: भजनलाल शर्मा - जल अभाव मापदंड अनुसार प्रदेश को अनुदान देने का किया आग्रह

Update: 2024-08-01 13:49 GMT
Jaipur जयपुर। मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति, विशाल क्षेत्रफल, मरूस्थलीय भू-भाग, जल संसाधनों की अत्यधिक कमी, अनुसूचित जाति एवं जनजाति की बड़ी आबादी के परिप्रेक्ष्य में वित्त आयोग केन्द्र सरकार से राजस्थान को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की सिफारिश करें। उन्होंने वित्त आयोग से प्रदेश में भीषण जल संकट को ध्यान रखते हुए विशेष वित्तीय सहायता देने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिश करने का भी
आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री  शर्मा गुरूवार को सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान विशाल भूभाग और बिखरी हुई आबादी वाला राज्य है, इस कारण यहां शिक्षा, चिकित्सा व स्वास्थ्य, पेयजल, विद्युत, संचार सुविधा आदि बुनियादी सुविधाएं आमजन तक पहुंचाने के लिए दूसरे राज्यों की तुलना में अधिक लागत आती है। उन्होंने कहा कि इस अतिरिक्त लागत और प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रदेश को वित्तीय संसाधन मुहैया कराए जाएं।
हीट वेव और रेगिस्तानी टिड्डियों को प्राकृतिक आपदा में शामिल करने की मांग
श्री शर्मा ने कहा कि राज्य को तकरीबन हर वर्ष हीट वेव का सामना करना पड़ता है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों के निवासियों की आजीविका प्रभावित होती है। साथ ही, रेगिस्तानी टिड्डियों के कारण फसलों को क्षति पहुंचती है। इसको ध्यान में रखते हुए हीट वेव एवं रेगिस्तानी टिड्डियों के खतरे को प्राकृतिक आपदा माना जाए और इन्हें राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) में प्राकृतिक आपदा की परिभाषा में शामिल किया जाए।
केन्द्रीय कर आय में राज्य के क्षेत्रफल को मिले विशेष महत्व—
मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग से केन्द्रीय करों के वितरण के लिए ऐसा फार्मूला विकसित करने का अनुरोध किया, जो कि क्षेत्रीय विषमताओं को दूर करने का साधन बने और समाज के सभी क्षेत्रों और वर्गों के लिए महत्वपूर्ण न्यूनतम बुनियादी ढाँचा प्रदान करने के लिए अधिक संसाधन आवंटित करने में सहायक हो। उन्होंने केन्द्रीय कर आय में राज्यों की हिस्सेदारी को अंतिम रूप देते समय, राज्य के क्षेत्रफल को विशेष महत्व दिये जाने का भी आग्रह किया। उन्होंने वित्त आयोग से सड़क एवं पुल, सिंचाई परिसंपत्तियों और वनों के लिए रखरखाव अनुदानों को फिर से शुरू करने का अनुरोध भी किया।
पानी की कमी पर राज्य को मिले अनुदान—
श्री शर्मा ने कहा कि अनियमित व अनिश्चित मानसून प्रदेश की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती है। सीमित एवं निरन्तर घटते हुए जल संसाधनों के कारण राज्य को अत्याधिक कठिनाई का सामना करना पड रहा है। राज्य में सतही जल की कमी के कारण भूजल पर अधिक निर्भरता होने से भूजल का स्तर राज्य के सभी हिस्सों में लगातार गिरता जा रहा है। अतः वित्त आयोग पानी की कमी (वॉटर डेफिसिट) के लिए अनुदान देने पर भी विचार करे।
स्थानीय निकायों को अनुदान बढ़ाने की सिफारिश करे वित्त आयोग—
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त आयोग पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों की नाजुक वित्तीय स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है। उन्होंने वित्त आयोग से अनुरोध किया कि राजस्थान के स्थानीय निकायों के लिए अनुदान बढ़ाने की सिफारिश करें।
उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने आयोग से प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत और प्रदेश की 8 करोड़ जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप आयोग को एक मानक दृष्टिकोण (Normative Approach) अपनाने का आग्रह किया। आयोग संसाधनों का इस प्रकार वितरण करे, जिससे विकसित भारत-विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति को गति मिले।
राज्यों के सुझाव गंभीरता से सुन रहा है आयोग—
वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री अरविंद पनगडिया ने कहा कि आयोग राज्यों का दौरा कर उनसे सुझाव प्राप्त कर रहा है। हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं पंजाब के बाद आयोग का चौथा दौरा राजस्थान में है। राज्यों से प्राप्त सुझावों को गंभीरता से सुना जा रहा है। मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। मुख्यतः पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में सेवा प्रदायगी के लक्ष्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सीमित संसाधन होने के कारण प्रदेश की केन्द्रीय कोष पर निर्भरता है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राजस्थान की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को आयोग के सामने रखा। उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि सतत् विकास लक्ष्य की रैंकिंग के आधार पर राज्य को वित्तीय सहायता दी जाए।
वित्त आयोग के सदस्य श्री अजय नारायण झा, श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पाण्डा, डॉ. सौम्य कांति घोष एवं सचिव श्री ऋत्विक पाण्डेय ने प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा भी की। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, उद्योग राज्य मंत्री श्री के.के. विश्नोई, ऊर्जा राज्य मंत्री श्री हीरालाल नागर, पंचायतीराज राज्य मंत्री श्री ओटाराम देवासी सहित विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं सचिव उपस्थित रहे। इस अवसर पर ‘मेमोरेंडम टू 16 फाइनेंस कमिशन’ पुस्तिका वित्त आयोग को सौंपी गई। उन्होंने आयोग के सभी सदस्यों को स्मृति चिन्ह स्वरूप भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा भेंट की।
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