Churu: महान पुरुषों की स्मृतियां हम सभी को जीवन में अच्छे काम करने की देती प्रेरणा

Update: 2024-09-30 14:32 GMT
Churu चूरू । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा है कि महान पुरुषों की स्मृतियां हम सभी को जीवन में अच्छे काम करने की प्रेरणा देती हैं। हमें अपने जीवन में यह कोशिश करनी चाहिए कि हम उनकी अच्छाइयों को अपने जीवन में उतारें और उनके आदर्शों पर चलें।
प्रभारी मंत्री गहलोत सोमवार शाम गांव सातड़ा में आयोजित पूर्व प्रधान चौधरी गणपत राम न्यौल के मूर्ति अनावरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि चौ. गणपतराम ने शिक्षा और समाज सेवा को अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी प्रतिमा हम सभी को हमेशा उनके बेहतर कामों की याद दिलाएगी और हम सब अपने जीवन में कुछ सार्थक करने की प्रेरणा लेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वजों के अच्छे कार्यों से हमें इज्जत मिलती है तो हमें भी अच्छे कार्य कर उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए। उन्होेंने कहा कि चौधरी गणपत राम का जीवन हमें इस बात की प्रेरणा देता है कि हमें अपने जीवन में राष्ट्र को प्रथम रखकर सार्वजनिक हित को तरजीह देनी चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि चौ. गणपत राम एक सीधे-सरल इंसान, एक सच्चे जनप्रतिनिधि थे जिन्होंने पूरा जीवन शुचिता से जीया और जो कहा, वो कर दिया। उन्होंने कहा कि चौधरीजी कुशाग्र बुद्धि के धनी थे, जिन्होंने अपनी लगन से इस क्षेत्र को शिक्षा के रास्ते पर अग्रसर किया। उन्होंने चौ. गणपत राम के साथ बिताए पलों की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि चौधरीजी ने उस समय ग्रामीण विकास की दिशा में काम करते हुए ग्राम स्वराज्य की अवधारणा को साकार किया, जब पंचायतों के पास इतने अधिकार और संसाधन नहीं होते थे। वो उस जमाने में भी सबको साथ लेकर चलने और सबके विकास की बात करते थे, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी संकल्प के साथ देश को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चौ. गणपत राम ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और किसानों के पक्ष में हमेशा खड़े रहे।
विशिष्ट अतिथि विधायक हरलाल सहारण ने कहा कि चौ. गणपतराम ने शिक्षा एवं समाज सरोकार के क्षेत्र में अपना जीवन अर्पित किया। उनके आदर्श हमारे लिए मशाल का काम करते हैं। सरपंच से लेकर प्रधान तक के राजनीतिक सफर में उन्होंने एकदम बेदाग राजनीति की।
विशिष्ट अतिथि पीसीआई के अध्यक्ष पद्मभूषण देवेंद्र झाझड़िया ने कहा कि चौ. गणपत राम ने इस क्षेत्र में शिक्षा की नींव रखी और उच्च प्राथमिक स्कूल से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूल खुलवाने तक में उनका बड़ा योगदान है, यह अपने आप में प्रेरणा देने वाली बात है। देवेंद्र ने कहा कि चौधरीजी का जीवन इस बात की मिसाल है कि यदि एक आदमी अपने जीवन में ठान ले तो वह कुछ भी कर सकता है।
जिला प्रमुख वंदना आर्य ने कहा कि चौ. गणपत राम ने सामाजिक मूल्यों के लिए काम किया और शिक्षित व बेहतर समाज का सपना देखा।
विशिष्ट अतिथि वासुदेव चावला ने कहा कि अपने जीवन में सामाजिक समरसता और शिक्षा के लिए काम करने वाले चौ. गणपत राम की स्मृतियों को संजोने का बहुत पवित्र काम आज हुआ है। हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम उनके पदचिन्हों पर चलकर समाज के विकास की दिशा में सतत प्रयासरत रहेंगे।
कार्यक्रम को अपना सान्निध्य प्रदान करते हुए संत दयानाथ ने कहा कि समाज की सेवा से ही जीवन सार्थक और सफल होता है, हमें इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रधान दीपचंद राहड़, विशिष्ट अतिथि बसंत शर्मा, शिक्षाविद दयाराम महरिया ने भी विचार व्यक्त करते हुए चौ. गणपत राम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की सराहना की।
उप जिला प्रमुख महेंद्र न्यौल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए संकल्प दोहराया कि जीवन में चौ. गणपतराम न्यौल के बताए मार्ग पर चलेंगे।
इससे पूर्व प्रभारी मंत्री गहलोत, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राठौड़, विधायक सहारण, देवेंद्र झाझड़िया, जिला प्रमुख वंदना आर्य, प्रधान दीपचंद राहड़, वासुदेव चावला आदि ने पूर्व प्रधान चौधरी गणपत राम न्यौल की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम का संचालन संदीप ने किया। उप प्रमुख महेंद्र न्यौल, राधेश्याम न्यौल, नंदराम न्यौल, दौलतराम न्यौल, ताराचंद न्यौल, रामेश्वर न्यौल, रणजीत सारण सहित ग्रामीणों ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान सोमवार को सेवानिवृत्त हुए जलदायकर्मी ताराचंद न्यौल का पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, देवेंद्र झाझड़िया आदि ने स्वागत किया और शुभकामनाएं दीं।
इस दौरान राजकरण चौधरी, हेमसिंह शेखावत, नौरंग वर्मा, दिलीप पूनिया, महावीर पूनिया, कौशल पूनिया, मा. चंद्राराम गुरी, मधुसूदन राजपुरोहित, चेतराम सहारण, रवि आर्य, ओम डायनामाइट, मदन गोपाल बालाण, गिरधारी बांगड़वा, हनुमान न्यौल, रवि इंदौरिया, महावीर महर्षि, ओम महर्षि, महंत ज्ञाननाथ महाराज, भंवर लाल खीचड़, शिशपाल बुडानिया, आनंद बालाण सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, ग्रामीण मौजूद थे।
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