Churu: जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा ने अधिकारियों को कार्यक्रम को लेकर दिए निर्देश
Churu चूरू । जिला कलक्टर अभिषेेक सुराणा के निर्देशन में 15 नवंबर को जिले के राजगढ़ ब्लॉक मुख्यालय पर भारत सरकार के ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान‘ का जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिला कलक्टर ने आदेश जारी कर जिला स्तरीय कार्यक्रम के आयोजन को लेकर अधिकारियों को समुचित निर्देश दिए हैं।
सीईओ श्वेता कोचर ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय तथा प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के निर्देशानुसार आदिवासी नेता, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी व महान व्यक्तित्व बिरसा मुंडा की 150 की जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान‘ अंतर्गत 15 नवंबर को सम्पूर्ण देश में राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को राष्ट्रीय स्तर से कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
उन्होंने बताया कि संबंधित ग्राम पंचायत में 15 नवंबर को विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान में जिले के राजगढ़ पंचायत समिति के 19 गांव सम्मिलित किए गए हैं। इन गांवों में 15 नवंबर से 26 नवंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा।
कोचर ने बताया कि अभियान अंतर्गत जिले के राजगढ़ ब्लॉक की लीलकी ग्राम पंचायत के लीलकी, ढंढाल लेखू ग्राम पंचायत के किशनपुरा, गुलपुरा ग्राम पंचायत के लुटाना सदासुख, लंबोर बड़ी ग्राम पंचायत के लंबोर बड़ी, हरपालू कुबड़ी ग्राम पंचायत के लंबोर छिंपीयान, डोकवा ग्राम पंचायत के डोकवा, सांखू ग्राम पंचायत के सांखू, हरपालू कुशाला ग्राम पंचायत के हरपालू सांवल, गुगलवा ग्राम पंचायत के किरतान, रामपुरा ग्राम पंचायत के रामपुरा, नीमां ग्राम पंचायत के नीमां, नावां ग्राम पंचायत के बास किरतान, जसवंतपुरा ग्राम पंचायत के जणाऊ मीठी, सांखण ताल ग्राम पंचायत के नया बास व सांखण ताल, सुलखनिया छोटा ग्राम पंचायत के सुलखनिया बड़ा, थिरपाली बड़ी ग्राम पंचायत के थिरपाली बड़ी व थिरपाली छोटी, नूहंद ग्राम पंचायत के नूहंद गांव को सम्मिलित किया गया है।
अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजातीय बाहुल्य वाले गांवों में आशान्वित जिले में 17 विभागों के 25 इन्टरवेन्शन्स का क्रियान्वयन करते हुए देशभर के कुल 63 हजार से भी अधिक गांवों में जनजाति परिवारों का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान करना तथा इन गांवों को 17 विभिन्न विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित करते हुए समस्त 17 विभागों के आपसी समन्वय से समस्त जनजाति बाहुल्य गांवों का सम्पूर्ण व समन्वित विकास करना है।
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