कांग्रेस के चिंतन शिविर में महंगाई को लेकर चिदंबरम ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- अर्थव्यवस्था की हालत चिंताजनक

राजस्थान के उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष से लेकर दूसरे नेता लगातार केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोल रहे हैं.

Update: 2022-05-14 06:42 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान के उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष से लेकर दूसरे नेता लगातार केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोल रहे हैं. शिविर के दूसरे दिन पार्टी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकार (modi government) को खूब कोसा. कांग्रेस ने कहा कि देश के विकास की धीमी दर पिछले 8 सालों में वर्तमान बीजेपी सरकार की पहचान बन गई है. शनिवार को शिविर में अर्थव्यवस्था कमेटी की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (p chidambaram) ने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र पर जमकर निशाना साधा. चिदंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति अत्यधिक चिंता का विषय है जहां धीमी विकास दर वर्तमान सरकार की पहचान बन गई है. वहीं चिंतन शिविर से इतर पार्टी नेता राहुल गांधी ने शनिवार को पार्टी महासचिवों की एक बैठक भी बुलाई है जिसमें पार्टी महासचिवों के अलावा स्टेट इंचार्ज और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के साथ कांग्रेस के विधायक भी शामिल हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति अप्रत्याशित स्तर तक बढ़ गई है, सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ज्यादा टैक्स वसूलकर मुद्रास्फीति में वृद्धि कर रही है. बता दें कि उदयपुर में आयोजित हो रहे चिंतन शिविर में कांग्रेस के 400 से अधिक नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए हैं.
मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था की हालत पस्त : चिदंबरम
चिदंबरम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बाद से देश की रिकवरी रूक गई है. वहीं पिछले 5 महीनों में 2022-23 के ग्रोथ के अनुमानों को समय-समय पर कम किया गया है जिससे बेतहाशा महंगाई बढ़ गई है जो कि आने वाले समय के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि सरकार इन घटनाक्रमों से निपटने के तरीकों से अनजान दिखाई देती है. वहीं पिछले 7 महीनों में 22 अरब अमेरिकी डॉलर देश से बाहर गए हैं और विदेशी मुद्रा भंडार 36 अरब अमेरिकी डॉलर कम हो गया है.
चिदंबरम ने दावा किया कि विनिमय दर 77.48 रुपये प्रति डॉलर है जो कि अब तक का सबसे अधिक है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुल व्यय के अनुपात के रूप में सामाजिक सेवाओं पर खर्च 2004 और 2014 के बीच 10 सालों में औसतन 9 प्रतिशत से गिरकर औसतन 5 प्रतिशत हो गया है.
बता दें कि शिविर के पहले दिन जहां पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जहां केंद्र की उनकी नीतियों को लेकर कड़ी आलोचना की थी. सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार सामाजिक स्तर पर लोगों में नफरत भरने का काम कर रही है. इसके अलावा उन्होंने आने वाले चुनावों में पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी से आगे आने की अपील की.
महंगाई के लिए सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार
चिदंबरम ने आगे कहा कि देश में बढ़ती महंगाई के लिए सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार है और आज महंगाई के चलते आम आदमी को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि 1991 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने उदारीकरण के एक नए युग की शुरुआत की थी जिसके बाद आज 30 सालों बाद फिर से महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक और घरेलू विकास को ध्यान में रखते हुए आर्थिक नीतियों को एक बार फिर से बदलने का समय आ गया है.
चिदंबरम ने कहा कि हमारा मानना है कि हमें भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से अपनी वर्कफोर्स को 21वीं सदी में ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हिसाब से तैयार करना चाहिए और हमारे उद्योग, व्यापार के तरीकों के अनुकूल बनाने के प्रयास करने चाहिए.
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