फर्जी दस्तावेजों से सरकारी नौकरी दिलाने का मामला

Update: 2023-01-23 13:52 GMT
अजमेर। राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे सेना भर्ती में नौकरी दिलाने के मामले में मोइनुद्दीन उर्फ मोहिन सिसोदिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस मामले में कोर्ट ने माना कि पुलिस मोइनुद्दीन द्वारा याचिका में पेश किए गए तथ्यों की जांच कर रही है. ऐसे में कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
आरोपी की ओर से अधिवक्ता मनीष सैनी ने न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की. जबकि शिकायतकर्ता जयपुर ग्रामीण के नरैना क्षेत्र के साली गांव निवासी गफूर खान की ओर से अधिवक्ता मीता पारीक ने जालसाजी का साक्ष्य न्यायालय में पेश किया.
सेना ने अपनी जांच में आरोप को साबित मान लिया। मामले के अनुसार फरियादी गफूर खान पुत्र अलबंध ने मोइन सिसोदिया पुत्र मोहम्मद नूर निवासी काकनियावास के खिलाफ 15 नवंबर 2022 को फर्जी दस्तावेज के आधार पर सेना भर्ती में नौकरी लेने का मामला दर्ज कराया था. बताया गया कि मोइन सिसोदिया निवासी काकनियावास को 20 जुलाई 2021 को राज आरआईएफ रेजीमेंटल सेंटर द्वारा भारतीय सेना में भर्ती किया गया था. मोइनुद्दीन की जन्मतिथि 6 नवंबर 1998 है और उन्होंने अपनी जन्मतिथि और नाम को अपने यूआईडी (आधार) में बदलकर मोईन सिसोदिया को जन्म तिथि 6 नवंबर 2001 कर दिया। उन्होंने दसवीं की परीक्षा में भी जन्मतिथि को बदलवाया। हेराफेरी की। बाद में वह RAJRIF में सेना में शामिल हो गए।
जब सेना ने अपनी जांच में उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि मोइनुद्दीन उसका बड़ा भाई है। जिनकी 10 अगस्त 2019 को मृत्यु हो गई। उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र भी पेश किया। सेना ने आधार कार्ड का सत्यापन कराया तो पता चला कि मोइनुद्दीन और सोल्जर कैडेट मोइन सिसोदिया दोनों एक ही शख्स हैं.

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