गहलोत सरकार में मुख्य सचिव के लिए मंथन शुरू, ये नाम रेस में

मुख्य सचिव निरंजन आर्य जनवरी में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। आर्य के सेवानिवृत्त होने के बाद ब्यूरोक्रेसी का मुखिया किसे बनाया जाए, इसको लेकर सरकार के उच्च स्तर पर मंथन शुरू हो गया है।

Update: 2022-01-03 06:40 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुख्य सचिव निरंजन आर्य जनवरी में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। आर्य के सेवानिवृत्त होने के बाद ब्यूरोक्रेसी का मुखिया किसे बनाया जाए, इसको लेकर सरकार के उच्च स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। नए मुख्य सचिव के लिए वरिष्ठता के आधार पर 9 आईएएस अफसरों के नाम चल रहे हैं। इस बात की संभावना है कि सीएम गहलोत पिछली बार की तरह वरिष्ठता की अनदेखी कर चौंकाने वाला निर्णय ले सकते हैं। पिछली बार राजीव स्वरुप के सेवानिवृत्त होने के बाद सीएम गहलोत ने 10 आईएएस अफसरों की वरिष्ठता को लांघकर 1989 बैच के आईएएस निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बना दिया था। यदि सीएम चौंकाने वाला निर्णय लेते हैं तो गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार की लाॅटरी लग सकती है। राज्य सरकार ने नए वर्ष पर अभय कुमार को पदोन्नति का तोहफा दिया है। आईएएस अभय कुमार को सीएम गहलोत का बेहद करीबी अफसर माना जाता है।

राजस्थान में मुख्य सचिव के रेस में शामिल आईएएस
1987 बैच की आईएएस नीलकमल दरबारी। फिलहाल दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर है। 1987 बैच की वीनू गुप्ता। फिलहाल राज्य प्रदूषण बोर्ड की चैयरमैन है। पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की पत्नी है। मुख्य सचिव की रेस में सबसे आगे चल रही है। आईएएस सुबोध अग्रवाल। वर्तमान में माइंस- पेट्रोलियम में एसीएस है। सचिवालय में तैनात मौजूदा अफसरों में सबसे सीनियर है। 1985 बैच की उषा शर्मा। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की रिश्तेदार। फिलहाल केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में तैनात है। 1985 बैच के रविशंकर श्रीवास्तव। इंदिरा गांधी पंचायचीराज संस्थान की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। श्रीवास्तव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसलिए शायद मुख्य सचिव नहीं बन पाए। 1989 बैच की आईएएस शुभ्रा सिंह सीएस की रेस में शामिल है। फिलहाल केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है। आईएएस वी.श्रीनिवास। फिलहाल केंद्र में सेवाएं दे रहे हैं। एसीएस पीके गोयल भी मुख्य सचिव की रेस में शामिल है। गोयल स्कूल शिक्षा में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। आईएएस आर. वेकेंटश्वरण को दलित होने का फायदा मिल सकता है।
जातीय समीकरण उषा शर्मा के पक्ष में
सीएम अशोक गहलोत यदि जातीय समीकरण ध्यान में रखकर राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी के मुखिया का चयन करते हैं तो उस लिहाज से उषा शर्मा मुख्य सचिव की प्रबल दावेदार है। उषा शर्मा वरिष्ठता के पैमाने पर सबसे आगे है। उषा शर्मा राजस्थान कैडर की 1985 बैच की आईएएस है। सीएम गहलोत ब्राह्मणों को साधने के लिए उषा शर्मा के नाम पर अपनी मुहर लगा सकते हैं। उषा शर्मा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की नजदीकी रिश्तेदार है। उषा शर्मा को महिला होने का फायदा मिल सकता है। राजस्थान में मात्र एक महिला आईएएस कुशाल सिंह ही मुख्य सचिव बनीं है। जलदाय मंत्री महेश जोशी भी उषा शर्मा के लिए जबर्दस्त लाबिंग कर रहे हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि उषा शर्मा दिल्ली छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
दौड़ में शामिल कई चेहरे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर
राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी के मुखिया के लिए जो चेहरे रेस में शामिल है उनमें कई केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है। उषा शर्मा खेल एवं युवा मामलों के विभाग में तैनात है। जबकि आईएएस रोहित कुमार सिंह केंद्रीय संस्कृति विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनात है। इसी प्रकार आईएएस नीलकमल दरबारी कृषि विभाग में नियुक्त है। आईएएस रोहित कुमार सिंह मुख्य सचिव निरंजन आर्य से अनबन के चलते केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे।
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