भाजपा विधायक ने किया प्रताड़ित, डोटासरा बोले-संत ने आत्महत्या नहीं की

Update: 2022-08-06 11:43 GMT
जयपुर. जालोर के जसवंतपुरा में सुंधा माता तलहटी के पास हनुमान आश्रम के संत रविनाथ की आत्महत्या को लेकर भाजपा के भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी की भूमिका कटघरे में है. दरअसल, जिस पेड़ पर संत रविनाथ ने लटक कर आत्महत्या की, उस क्षेत्र में एक दिन पहले ही विधायक ने खुदाई करवाई थी. इसमें आश्रम का रास्ता भी आ गया.
इस मामले में जहां एक और एफआईआर दर्ज करवाई गई है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से भाजपा विधायक पर कार्रवाई की बात भी कही जाने लगी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने संत रविनाथ की आत्महत्या को भाजपा विधायक के प्रताड़ित करने का नतीजा बताते हुए हत्या करार दिया (Dotasra targets BJP MLA in saint suicide case) है. डोटासरा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि संत रविनाथ महाराज के देवलोक गमन का समाचार दुखद है, लेकिन यह आत्महत्या नहीं है. भाजपा विधायक ने हनुमान आश्रम के रास्ते में खाई खोदकर संत को प्रताड़ित किया और उन्हें मजबूर किया. डोटासरा ने अपने ट्वीट में लिखा कि इस मामले में सरकार किसी दोषी को नहीं छोड़ेगी. इसके आगे उन्होंने लिखा कि भाजपा के लिए सनातन धर्म सिर्फ सियासी शोर शराबा है.
गोविंद सिंह डोटासरा का ट्वीट.


 


करणी सेना ने की कार्रवाई की मांग: संत रविनाथ की आत्महत्या मामले में श्री राजपूत करणी सेना भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की (Karni Sena on saint suicide case) है. श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि इस मामले में भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी का नाम आ रहा है. संत संपूर्ण समाज के लिए मार्गदर्शक होते हैं. ऐसे में हिंदुत्व की बात करने वाले पार्टी के विधायक के आराम के लिए बनाए जाने वाले रिसोर्ट के पास इस आश्रम की उपस्थिति स्वयं विधायक तथा उनके नजदीकी को इतनी ज्यादा खल रही थी कि एक संत को अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ी. ऐसे में सरकार इस मुद्दे पर आरोपी के खिलाफ ऐसी कड़ी कार्रवाई करे की दोबारा कोई ऐसा करते करने का दुस्साहस ना करे.
कांग्रेस ने बनाई 3 सदस्यीय कमेटीः जालोर में संत के आत्महत्या मामले में कांग्रेस ने 3 सदस्यीय कमेटी बनाई है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के निर्देश में बनाई गई कमेटी मामले की तथ्यात्मक जांच करके रिपोर्ट पीसीसी को सौंपेगी. इस कमेटी में मंत्री रामलाल जाट, अर्जुन सिंह बामणिया, पीसीसी सचिव भूराराम सिरवी शामिल हैं. जल्द कमेटी मौके पर पहुंचकर घटनाक्रम की जांच करेगी.
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