Bhilwara भीलवाड़ा । जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अधिकारी अधिक संवेदनशील होकर हर संभव प्रयास करें। यह बात जिला कलेक्टर श्री नमित मेहता ने गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला निष्पादन समिति तथा जिला स्तरीय राष्ट्रीय पोषाहार कार्यक्रम की मासिक बैठक में कहीं। जिला कलक्टर ने कहा कि बच्चों में स्वास्थ्य, स्वच्छता के प्रति तथा जीवन कौशल से अच्छी आदतें विकसित हो, इसके लिए प्रत्येक शनिवार को नो बैग डे कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाए।
बैठक के दौरान जिला रैंकिंग, आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रन विद्यार्थियों को मुख्यधारा से जोड़ने, साथ ही विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए गतिविधियां तथा कार्य योजना पर चर्चा की गई।
जिला कलक्टर ने बैठक के दौरान गत माह की जिले की रैंकिंग में प्रगति नहीं पाए जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती अरुणा गारू को रैंकिंग पैरामीटर अनुसार रैंकिंग में सुधार के लिए प्रगति को नियमित मॉनिटर करने के निर्देश दिए।
जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय योगेश चंद्र पारीक ने बताया कि जिले में पायलट कार्यक्रम “शाला स्वास्थ्य परीक्षण“ ने बच्चों के लिए व्यापक स्वास्थ्य सर्वेक्षण की क्षमता और प्रभाव का प्रदर्शन किया है। इसके माध्यम से शिक्षा विभाग की व्यापक पहुंच का लाभ उठाते हुए बच्चों के स्वास्थ्य समस्याओं के शीघ्र पहचान उनके समग्र कल्याण और शैक्षिक परिणाम में सुधार के उद्देश्य से शाला स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम किया गया था। इस मॉडल को राज्य स्तर पर लागू किया जाना है। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि हेल्थ पैरामीटर मॉडल के रूप में जिले की प्रगति इसी प्रकार बनी रहे यह सुनिश्चित किया जाए।
बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को विद्यार्थियों की आधार सीडिंग तथा जनाधार प्रमाणीकरण के लिए लक्ष्य दिए, साथ ही कहा कि निर्धारित लक्ष्य प्राप्त नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा। जिला कलेक्टर ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को नामांकन से शेष रहे विद्यार्थियों को जोड़ने के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ने समावेशी शिक्षा के अंतर्गत विशेष आवश्यकता वाले बालक बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के अवसर प्रदान करने तथा उनमें आत्मविश्वास के साथ स्वतंत्र जीवन यापन के योग्य बनाने व बाहरी वातावरण के ज्ञान के लिए समावेशी शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों जैसे खेल एवं एक्सपोजर विजिट, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के लिए सहायक सामग्री, उपकरण, संसाधनों, उन्हें दिए जाने वाले भत्तों मिल रहे है या नहीं, इसकी समीक्षा की। जिला कलक्टर ने विद्यालय में इन विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सूची भिजवाए जाने के निर्देश दिए ताकि इन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जा सके। बैठक में सीएमएचओ डॉ सीपी गोस्वामी ने बच्चों में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता लाने के लिए जानकारी दी। इस दौरान जिले के शिक्षा अधिकारी तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।