भारत जोड़ो यात्रा: बिना किसी सियासी विवाद के राजस्थान चरण हुआ पूरा

Update: 2022-12-22 10:30 GMT

दिल्ली: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान चरण पूरा हो गया है। इसका सबसे अहम पहलू राहुल गांधी की मौजूदगी में सीएम अशोक गहलोत व उनके प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के बीच आमने-सामने बैठक रही। इसमें राहुल ने दोनों के बीच मतभेद खत्म करने की पहल था।

हालांकि, राजस्थान के दोनों दिग्गज कांग्रेस नेताओं के बीच अभी भी तलवारें खींची हुई हैं। अगले कुछ दिनों में कांग्रेस अनुशासन समिति राजस्थान मामले में रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद पार्टी कोई कदम उठा सकती है।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के दौरान राजस्थान कांग्रेस में शांति भंग हुई थी। इसके बाद पार्टी ने लंबे समय तक शांति कायम रखने के प्रयास किए, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में पहुंचने से ठीक पहले यह बिखर गई थी। इसकी वजह सीएम अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट को 'गद्दार' करार दिया जाना थी।

सर्किट हाउस में करीब डेढ घंटे तक बैठक की: गहलोत-पायलट में तनाव खत्म करने व सुलह कराने के लिए राहुल गांधी ने अलवर के सर्किट हाउस में करीब डेढ घंटे तक बैठक की थी। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और कुछ चुनिंदा मंत्री मौजूद रहे थे। इसमें राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट को शांत रहने की सख्त हिदायत दी। राहुल ने कहा कि जो पार्टी के लिए मेहनत करेगा, उसे मेहनत का फल जरूर मिलेगा। कौन क्या कर रहा है, यह सबको पता है।

राजस्थान के दोनों दिग्गज नेताओं ने शांति कायम रखी: भारत जोड़ो यात्रा 16 दिन राजस्थान में भ्रमण करने के बाद हरियाणा में प्रवेश कर गई है। इस दौरान राजस्थान के दोनों दिग्गज नेताओं ने शांति कायम रखी और राज्य में राहुल की यात्रा बिना किसी बड़े सियासी विवाद और बयानबाजी के पूरी हो गई। जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी की सुलह पहल से गहलोत-पायलट विवाद ठंडे बस्ते में गया है, यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस नेताओं व विधायकों की अनुशासनहीनता की जांच रिपोर्ट पार्टी की अनुशासन समिति 24 दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपेगी। समिति की रिपोर्ट के बाद राजस्थान कांग्रेस में फिर तनाव बढ़ सकता है।

पार्टी ने विधायक शांतिलाल धारीवाल, महेश जोशी व धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस दिए थे। गांधी परिवार के साथ विचार विमर्श के बाद खरगे अनुशासन समिति की सिफारिशों पर कार्रवाई करेंगे। राज्य में अगले साल चुनाव होना हैं और गहलोत व पायलट के बीच सीएम पद को लेकर लंबे समय से खींतचान जारी है। अगले कुछ दिनों में कांग्रेस को इस संकट को सुलझाने की अहम पहल करना होगी।

दोनों गुटों को यात्रा के दौरान मौन रहने की नसीहत दी: भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने से पहले प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ था। गहलोत और पायलट गुट एक दूसरे पर जमकर जुबानी हमला बोल रहे थे। भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश से पहले केसी वेणुगोपाल ने गहलोत और पायलट के साथ मीटिंग की थी। इसमें उन्होंने दोनों गुटों को यात्रा के दौरान मौन रहने की नसीहत दी थी। इसके बाद खींचतान पर विराम लगा। इस कारण बीते 15 दिनों से राजस्थान कांग्रेस में मचा सियासी तूफान शांत था। हालांकि, राहुल की यात्रा में सचिन पायलट के समर्थन में जमकर नारेबाजी देखने को मिली। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा ने 4 दिसंबर को मध्य प्रदेश से राजस्थान के झालावाड़ जिले में पहुंची थी। राजस्थान में इसने 521 किलोमीटर का सफर तय किया। अंतिम दिन यानी 20 दिसंबर को राहुल ने अलवर के मालाखेड़ा में सभा को संबोधित किया था।

राजस्थान के मंत्रियों को टास्क सौंपा: मालाखेड़ा में राहुल गांधी ने राजस्थान के मंत्रियों को टास्क सौंपा है। राहुल ने मंत्रियों को हर महीने 15 किलोमीटर पैदल चलने का सुझाव दिया है। राहुल के इस सुझाव को मंत्रियों के जनता से संवाद नहीं करने से जोड़कर देखा जा रहा है।

Tags:    

Similar News

-->