लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री से कहा, आप प्रदेश के बच्चों के पालनहार लाभार्थी संवाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रदेश के 5.91 लाख से अधिक पालनहार लाभार्थियों के बैंक खातों में 146.74 करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से हस्तांतरित किए। इसमें 591730 लाभार्थियों को जुलाई माह की बढ़ी हुई सहायता राशि 87.36 करोड़ रुपए और 5,92,630 लाभार्थियों कोे जून माह की सहायता राशि 59.38 करोड़ रुपए शामिल है।
इस दौरान गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर राज्य स्तरीय लाभार्थी संवाद समारोह में कहा कि विभिन्न श्रेणियों में लाभार्थियों को सहायता पहुंचाई जा रही है। सहयोग राशि बढ़ाने से लगभग 300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। उन्होंने कहा कि गत सरकार में शुरू पालनहार योजना को बंद करने के बजाय हमने सहायता राशि और श्रेणियों में बढ़ोतरी की है। इससे परिवार में ही बच्चों की समुचित देखरेख, संरक्षण एवं शिक्षा सुनिश्चित हो रही है। ये बच्चे बड़े होकर प्रदेश और देश की उन्नति में अपना अहम योगदान देंगे। मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए लाभार्थी बच्चों और उनके पालनहारों ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप प्रदेश के सभी जरूरतमंद बच्चों के पालनहार हो।
मुख्यमंत्री गहलोत ने इस दौरान चूरू जिला मुख्यालय स्थित मातुश्री कमला गोयनका टाउन हॉल में चल रहे जिला स्तरीय कार्यक्रम में मौजूद पालनहार योजना की लाभार्थी बालिका नेहा सैनी और उनकी पालनहार माता मंजू से संवाद किया। पालनहार मंजू से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने बेटी नेहा की पढाई के बारे में पूछा, जिस पर नेहा ने मुख्यमंत्री गहलोत को बताया कि वह जेईई की तैयारी कर रही हैं और उन्हें नियमित पालनहार राशि प्राप्त हो रही है। नेहा ने बताया कि सोमवार को डीबीटी से हस्तांतरित राशि उनके खाते में प्राप्त हो गई है। मुख्यमंत्री गहलोत ने नेहा और पालनहार मंजू से डीबीटी के माध्यम से राशि प्राप्त होने की जानकारी ली और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान पालनहार योजना में जिले के करीब 13 हजार लाभार्थियों के खातों में लगभग 3.25 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से जमा कराए गए हैं। जिले के 13 हजार 40 लाभार्थियों को जून माह की राशि 1 करोड़ 31 लाख 63 हजार 500 रुपए तथा 12 हजार 923 लाभार्थियों को जुलाई माह के लिए बढ़ी हुई पालनहार राशि 1 करोड़ 92 लाख 25 हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किए गए।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2023-24 के द्वारा विभिन्न श्रेणियों में 0 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए पालनहार राशि 500 रुपए से बढ़ाकर 750 रुपए तथा 6 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए पालनहार राशि 1000 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए की गई है। कार्यक्रम में रामेश्वर प्रजापत रामसरा ने किचन गार्डन के लिए बेलों व पौधों के उन्नत किस्म के बीज लाभार्थियों को वितरित किए।
इस दौरान जिला परिषद सीईओ पीआर मीणा, गांधी दर्शन समिति के रियाजत खान, पूर्व प्रधान निर्मला सिंघल, डॉ. महेश शर्मा, सुरेन्द्र सिंघल, महबूब खान, तेजपाल कस्वां, पालनहार मंजू व सरोज, पालनहार बच्चे नेहा व पूनम, सहायक निदेशक (जनसम्पर्क) कुमार अजय, डीओआईटी संयुक्त निदेशक मनोज गरवा, डीओआईटी एसीपी नरेश टुहानिया, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविंद ओला, महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय महला, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक प्रमोद सिंह शेखावत, नेहरू युवा केन्द्र के डॉ. मंगल जाखड़, पशुपालन विभाग के डॉ. निरंजन चिरानिया, डीपीएम दुर्गा ढ़ाका, एपीआरओ मनीष कुमार, छात्रावास अधीक्षक नगेन्द्र सिंह, जिला साक्षरता अधिकारी ओमप्रकाश फगेड़िया, ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी बाबूलाल, ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी राजेन्द्र स्वामी, ओम तंवर, सहायक प्रशासनिक अधिकारी रामनिवास भुंवाल, अरविंद भांभू सहित बड़ी संख्या में लाभार्थी उपस्थित रहे।
एक भी पात्र बच्चा वंचित नहीं रहे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लाभार्थियों से संवाद में कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और सुनहरे सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी हम सभी की है। राज्य सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में पढ़ाएं। मुख्यमंत्री अनुप्रति निःशुल्क कोचिंग योजना में तैयारी कराकर उन्हें आगे बढ़ाएं। राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के जरिए होनहार बच्चों को विदेश में अध्ययन करने के लिए भेजा जा रहा है।
सामाजिक सुरक्षा कानून लागू करें प्रधानमंत्री
गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती केंद्र सरकार ने खाद्य, रोजगार, शिक्षा और सूचना का अधिकार पूरे देश में एक समान लागू किया। उसी तरह हमने राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत न्यूनतम एक हजार रुपए का प्रावधान किया है। अब केंद्र सरकार भी पूरे देश में सामाजिक सुरक्षा कानून लागू कर जरूरतमंदों को आर्थिक सम्बल प्रदान करे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के अधिकार (आरटीएच) से प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी ली है। इसे और मजबूत करेंगे।
मुख्यमंत्री का लाभार्थियों से संवाद
मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के बच्चों से उनके भविष्य को लेकर संवाद किया। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों की भावनाओं पर उन्हें प्रोत्साहित कर कहा कि आप पढ़ाई करें। आपके सपनों को पूरा करने में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी। वहीं, लाभार्थियों ने जनकल्याणकारी योजनाओं और पालनहार योजना में बढ़ी हुई राशि सीधे खातों में पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। गहलोत ने कहा कि महंगाई राहत कैम्पों में भी पंजीयन कराकर योजनाओं का लाभ लें।
बच्चों के सपने, मुख्यमंत्री का आशीर्वाद
- ‘पालनहार योजना से प्राप्त राशि से काफी मदद मिली है। जेईई की तैयारी कर रही हूं, इंजीनियर बनना है।‘- नेहा, चूरू
- ‘मुझे आईएएस बनना है। आपके प्रोत्साहन से हर बच्चे को संबल मिला है। यह निरंतर मिलता रहेगा।‘- आयुषी, हनुमानगढ़
- ‘कक्षा 9वीं में पढ़ रही हूं। बड़े होकर जज बनकर लोगों की सेवा करनी है।‘- आरूषि केडिया, सवाई माधोपुर
पालनहारों ने कहा, योजना से मिली राहत
- ‘तीन बच्चों की पढ़ाई और लालन-पोषण में मदद मिली है। मुझे स्कूटी का लाभ भी मिला। इसके लिए आपका धन्यवाद।‘- असलम हुसैन, कोटा
- ‘योजना में सहायता राशि में बढ़ोतरी से राहत मिली है। इससे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनेगा। जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है।‘- कविता मीणा, दौसा
- ‘पालनहार सहित सभी योजनाओं से हम लाभान्वित हुए हैं। बच्चों को आपसे प्रोत्साहन मिलता है। वे भी आपकी तरह जनसेवा करना चाहते हैं।‘- गंगा बाई उदयपुर, मंजू देवी, सीकर
योजना में मिल रहा 6 लाख बच्चों को लाभ
समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि यह योजना नाममात्र की नहीं, बल्कि इसके जरिए लगभग 6 लाख बच्चों का लालन-पोषण किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस वर्ग की पीड़ा को समझते हुए सहायता राशि में बढ़ोतरी की है। समारोह में स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजन लाल जाटव, युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना, राजस्थान राज्य केशकला बोर्ड के अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल, ओबीसी वित्त एवं विकास कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष पवन गोदारा, विधायक गंगा देवी, आलोक बेनीवाल, नरेंद्र बुड़ानिया, सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे, मुख्य सचिव उषा शर्मा, पालनहार के लाभार्थी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों से लाभार्थी, जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासनिक अधिकारी जुड़े।
पालनहार योजना की पात्र श्रेणियां
अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही विधवा माता के बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एच.आई.वी.एड्स से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे, पेंशन प्राप्त कर रही तलाकशुदा अथवा परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चे।
अनुदान राशि का प्रावधान
अनाथ श्रेणी के 0-6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह और 6-18 आयु वर्ग तक के बच्चों के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह। राज्य सरकार की बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार पालनहार योजना में अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के 0 से 6 वर्ष उम्र के बच्चों के लिए 750 रुपए प्रतिमाह और 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी गई। साथ ही कपड़े, स्वेटर, जूते आदि के लिए हर वर्ष 2000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। (विधवा और नाता श्रेणी को छोड़कर)। इस योजना की सबसे जरूरी शर्त बच्चों का आंगनबाड़ी या विद्यालय जाना अनिवार्य है।