कोटा के अभेड़ा जाएंगे बाघ नाहर, 15 साल बाद देश के दूसरे जू से आएंगे भेड़िए

Update: 2023-01-19 13:29 GMT

जयपुर: नाहरगढ़ जैविक उद्यान में रहवास कर रहे बाघ, बघेरे, शेर, भालू पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं। यहां गोल्ड कहे जाने वाले भेड़ियों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। नर और मादा को मिलाकर यहां तकरीबन 18 भेड़िए हैं। इस बार भी इनके सफल प्रजनन की उम्मीद जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है तो इनकी संख्या में इजाफा देखने को मिलेगा। बायोलॉजिकल पार्क में आने वाले विजिटर्स को और अधिक जानवर देखने को मिले, इसके लिए कई प्रपोजल बनाकर सीजेडए को भेजे गए हैं। सूरत से जल्द उद्बिलाव लाए जाने की संभावना है। वहीं जयपुर से कोटा के अभेड़ा जैविक उद्यान में बाघिन महक, बाघ नाहर के साथ ही शेरनी सुहासिनी को भेजा जाएगा। इसके बाद प्योर एशियाटिक शेरनी तारा को सुहासिनी के एन्क्लोजर में शिफ्ट किए जाने की संभावना है।

नाहरगढ़ जैविक उद्यान में मांसाहारी वन्यजीवों में सबसे अधिक संख्या में भेड़िए हैं। इससे पहले साल 2008-09 में गुजरात के चिड़ियाघर से एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत मादा भेड़िया लाई गई थी। अब करीब 15 साल बाद फिर से देश के दूसरे जू से इन्हें एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत लाए जाने की तैयारी चल रही है। इसे लेकर मैसूर जू को प्रपोजल बनाकर भेजा गया है। सेंट्रल जू आफ अथॉरिटी से मंजूरी मिलने के बाद इन्हें यहां लाया जाएगा। दूसरे चिड़ियाघर से इन्हें लाने का एक कारण ये भी है कि काफी समय से इनका जीनपूल बदला नहीं है। ऐसे में दूसरे चिड़ियाघर से भेड़िए लाने के बाद इनका जीनपूल भी बदला जा सकेगा। साथ ही इन्हें इनब्रीडिंग से भी बचाया जा सकेगा।

मैसूर जू से एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत भेड़िए लाए जा सकते हैं। ऐसा करने के बाद इनके जीनपूल में भी बदलवा होगा। एक्सचेंज कार्यक्रम को सीजेडए मंजूरी मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी।

- कपिल चन्द्रावल, डीसीएफ

साल 2008-09 में गुजरात के चिड़ियाघर से मादा भेड़िया एक्सचेंज कार्यक्रम के दौरान लाई गई थी। अब एक्सचेंज प्रपोजल को मंजूरी मिलने के बाद दूसरे जू से भेड़िए लाए जाएंगे। ऐसा करने से भेड़ियों का जीनपूल बदला जा सकेगा।

- डॉ. अरविंद माथुर, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, नाहरगढ़ जैविक उद्यान 

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