Churu के महान समाज सुधारक स्वामी गोपाल दास की 86वीं पुण्य तिथि पर हुआ आयोजन
Churu चूरू । चूरू में जन जागृति के जन्मदाता, महान् स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, सर्वहितकारिणी सभा एवं पुत्री पाठशाला व कबीर पाठशाला जैसे प्रकल्पों के संस्थापक स्वामी गोपालदास की 86 वीं पुण्यतिथि पर कृतज्ञ समाज की ओर से उन्हें याद किया गया। इस दौरान स्वामी गोपालदास चौक में आयोजित कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में शिक्षा एवं समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान के लिए भामाशाह बनवारीलाल सोती को स्वामी गोपालदास पुरस्कार-2025 प्रदान किया गया, जो उनके परिजन फतेहचंद सोती ने ग्रहण किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने कहा कि स्वामी गोपालदास द्वारा स्थापित सर्वहितकारिणी सभा के माध्यम से समाज चेतना के साथ-साथ चूरू के विकास के लिए अभूतपूर्व काम हुआ, यह अपने आप में उल्लेखनीय बात है। स्वामी गोपालदास के जीवन और उनके आदर्शों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके कदमों पर चलने का प्रयास करना चाहिए। सर्वहितकारिणी सभा के माध्यम से आजादी से पहले और उसके बाद चूरू के विकास का जो काम हुआ है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने समाजसेवी बनवारीलाल सोती के चूरू में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी को चूरू के प्रवासियों को यहां से जोड़ने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। चूरू के विश्वसनीय और गणमान्य लोग यदि इस प्रकार की पहल करें तो प्रवासी जुड़ सकते हैं क्योंकि प्रवासियों को बस यह आश्वस्ति चाहिए कि उनके पैसे का समाज के हित में सदुपयोग होगा। प्रवासियों को मातृभूमि से कैसे जोड़ें, यह हमें प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव डॉ शरद कुमार व्यास ने स्वामी गोपालदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को प्रेरणास्पद बताया और कहा कि चूरू के लोगों के जीवन में बहुत आपाधापी नहीं है। यहां के लोग कला, साहित्य, संगीत, में रूचि रखते हैं और जीवन को जीना जानते हैं। अच्छी बात है कि चूरू के लोग इस तरह से अपने महापुरुषों को याद करते हैं और अपने मन में इस प्रकार कृतज्ञता रखते हैं। यहां स्वामी गोपालदास ने एक तरफ स्वाधीनता आंदोलन के लिए काम किया, वहीं समाज के विशेष तबकों के लिए काम किया और पर्यावरण संरक्षण व शहर के विकास की दिशा में भी अभूतपूर्व प्रयास किए।
एडीपीआर कुमार अजय ने कहा कि स्वामी गोपालदास ने अंतिम छोर के व्यक्ति को अपना लक्ष्य बनाकर काम किया और यह प्रयास किया कि शिक्षा और विकास का उजियारा हर बस्ती, हर व्यक्ति तक पहुंचे।
उप जिला प्रमुख महेंद्र न्यौल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कि स्वामी गोपालदास जैसे महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। हमारा यह दायित्व है कि इन महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज को आगे बढ़ाएं।
प्रधान दीपचंद राहड़ ने स्वामी गोपालदास द्वारा जनहित के लिए सर्वहितकारिणी सभा के माध्यम से किए गए कायोर्ं को कालजयी बताया और कहा कि स्वामी गोपालदास दूरदृष्टा महापुरुष थे। वे समय से बहुत आगे की सोच के व्यक्तित्व थे।
शिक्षाविद प्रो. कमल कोठारी ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ समाज के लिए बेहतर काम करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कृत करना और स्वामी गोपालदास जैसे महापुरुषों को याद करना गौरव की बात है। प्रो. कोठारी ने बनवारी लाल सोती का जीवन परिचय प्रस्तुत करते हुए उन्हें विकास पुरुष बताया और कहा कि बचपन में ही माता और पिता का साया सिर से उठ जाने के बावजूद बनवारीलाल सोती ने अपनी मेहनत व लगन से अपना एक व्यक्तित्व, एक मुकाम बनाया और समाज को लौटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। धन के अर्जन के साथ-साथ विसर्जन का गणित उन्होंने साधा है और शिक्षा, चिकित्सा, भूकंप, सूखा, बाढ़ राहत सहित विभिन्न क्षेत्रों में समाज के लिए हमेशा बेहतर किया है।
ओम सारस्वत ने स्वामी गोपालदास के व्यक्तित्व-कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि इस तरह के व्यक्तित्व समाज की दशा-दिशा बदल देते हैं।
शिक्षाविद एलएन आर्य ने स्वामी गोपालदास के कालजयी कार्यों का उल्लेख किया और उनके व्यक्तित्व-कृतित्व की जानकारी दी।
पूर्व सभापति रामगोपाल बहड़ ने स्वामी गोपालदास द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए चूरू के चारों तरफ बीहड़ भूमि रखवाने का उल्लेख करते हुए बताया कि स्वामी गोपालदास अपने कंधों पर पानी ले जाकर पौधों को सींचते थे। स्वामी गोपालदास सच्चे गौभक्त थे।
स्वामी गोपालदास राजकीय बालिका महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सीएल वर्मा, पूर्व बीसूका उपाध्यक्ष आसाराम सैनी, आदूराम न्यौल, होलसेल भंडार के पूर्व अध्यक्ष फतेहचंद सोती, मुस्ताक खां, शमशेर भालू खां, जमील चौहान, सुनील भाऊवाला, सीबीईओ ओमदत्त सहारण, हरफूल सिंह भांभू, सहीराम पूनिया, राकेश बेनीवाल, रणवीर सिंह कस्वां, रामरतन सिहाग, नगरश्री के श्यामसुंदर शर्मा सर्वहितकारिणी सभा के सचिव भागीरथ शर्मा, प्रमेंद्र सिहाग, मुकंदाराम नेहरा, मोहन लाल अर्जुन, शिशपाल बुडानिया, छात्रा कुंदन प्रजापत आदि ने स्वामी गोपालदास द्वारा प्लेग महामारी में शहर को बचाने और दूसरे कार्यों का उल्लेख किया।
कार्यक्रम संयोजक दलीप सरावग ने आभार व्यक्त किया। सरावग ने सभी प्रबुद्धजनों, जन प्रतिनिधियों और आयोजन में सहयोग देने वाले व्यक्तियों, कबीर पाठशाला, पुत्री पाठशाला के स्टाफ का और मीडिया कर्मियों का आभार प्रकट किया। संचालन रवि दाधीच ने किया।
इससे पूर्व भंवरलाल कस्वां ने सभी का स्वागत किया और कहा कि स्वामी गोपालदास के कृतित्व को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए लगातार मिलकर प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान सम्मान्य व्यक्तित्व बनवारीलाल सोती के प्रतिनिधि फतेहचंद सोती को पुरस्कार स्वरूप भंवर लाल राकेश कुमार कस्वां के सौजन्य से 11 हजार रुपए नकद, शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। सोती ने इस अवसर पर 51000 रुपए सर्वहितकारिणी सभा की गतिविधियों के लिए प्रदान किए।
इस मौके पर आरपी विनय सोनी, जिला साक्षरता अधिकारी राजेंद्र गहलोत, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक रामसिंह सिहाग, वीरेंद्र दादरवाल, हेमराज फगेड़िया, राकेश बेनीवाल, शिशपाल बुडानिया, अशोक हुड्डा, राकेश कस्वां, महादेव महिया, मोहन हुड्डा, आरिफ पीथीसर, प्रमेंद्र सिहाग, शंभूदयाल शर्मा, डालूराम सरावग, जगदीश शर्मा, प्रधानाचार्य सरिता शर्मा, किशन लाल सैनी, अभिलाषा भाटी, आपणी पाठशाला के धर्मवीर जाखड़, रामावतार भांभू, बेगराज कस्वां, जसवीर गोदारा, योगेश ढाका, किशोर धांधू, रामनिवास चाहर, दयाराम कस्वां, सुखदेव कस्वां, शंकर लाल जांगिड़, विमल जोशी, बाबू पंडित, हुणताराम ईसराण, योगेश गौड़, शेरसिंह पूनिया सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मीडियाकर्मी एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।