जैसलमेर आसमान से बरसा अमृत

Update: 2023-07-27 08:41 GMT

जैसलमेर: जैसलमेर पश्चिमी राजस्थान के निवासियों का मूल व्यवसाय कृषि एवं पशुपालन है। उसमें भी जब अच्छी बारिश हो जाए तो किसान खुशहाल हो जाता है। ऐसा ही इस बार भी हुआ। फरवरी से अब तक लगभग हर महिने बारिश हो रही है। इसके बाद प्री-मानसून एवं बिपरजॉय तूफान के चलते आसमान से बरसे अमृत ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है। इन दिनों खेतों में 4 फीट से भी अधिक ऊंचाई में बाजरे की फसल लहलहा रही है। गौरतलब है कि पश्चिमी राजस्थान में अप्रेल से जून-जुलाई तक भीषण गर्मी का दौर चलता है। अगस्त माह में मानसून राजस्थान में प्रवेश करता है और यहां बारिश होती है। इसके बाद किसान फसलों की बुआई में जुटते हैं। इसमें बाजरा मुख्य है। अक्टूबर माह के बाद नवंबर के शुरुआत दिनों में बाजरे की कटाई का कार्य शुरू होता है और बाजार में बिक्री शुरू होती है। जबकि इस वर्ष आसमान ने खूब अमृत बरसाया और अच्छी बारिश से बुआई के समय फसलें लहलहा रही है।

चारे की बहार, मवेशी को मिला आहार

लगातार हो रही बारिश से ओरण, गोचर, चारागाह सहित जंगलों में चारे की भी बहार आ गई है। सड़कों के किनारे खाली पड़ी भूमि पर हरी घास व चारा हो रखा है। इससे मवेशी को भी राहत मिली है। जून, जुलाई व अगस्त माह में मवेशी को भरपूर हरा चारा मिल रहा है। इस समय में भीषण गर्मी के मौसम में मवेशी के लिए चारे का संकट होता है, लेकिन इस वर्ष अच्छी बारिश से जगह-जगह हरा चारा हो रखा है और मवेशी इस हरे चारे के आहार को ग्रहण कर रहे हैं।

फरवरी से हो रही बारिश, समय से पहले कर दी बुवाई

इस वर्ष पश्चिमी राजस्थान पर इन्द्रदेवता मेहरबान हैं। फरवरी माह से लगातार हर माह बारिश हो रही है। गत जून माह के दूसरे पखवाड़े में बिपरजॉय तूफान के असर के चलते क्षेत्र में बारिश का दौर चला। ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर अच्छी बारिश हुई। इसके बाद प्री-मानसून भी मेहरबान रहा। इसके चलते किसानों ने समय से पहले ही बाजरे की बुवाई कर दी। बुआई के साथ समय-समय पर बारिश होती रही। इसके बाद समय से पहले मानसूून आ गया और तेज बारिश का दौर लगातार चल ही रहा है।

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