Rajasthan : मेवाड़ विश्वविद्यालय में बिना किसी मान्यता के दिया गया प्रवेश, कोर्स पूरा होने पर डिग्री देने से किया गया इनकार

राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के मेवाड़ विश्वविद्यालय में एनिमल हसबेन्ड्री का डिप्लोमा कोर्स करने वाले छात्र-छात्राएं इन दिनों मुश्किल में हैं।

Update: 2020-09-29 12:29 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के मेवाड़ विश्वविद्यालय में एनिमल हसबेन्ड्री का डिप्लोमा कोर्स करने वाले छात्र-छात्राएं इन दिनों मुश्किल में हैं। पहले तो बिना मान्यता के ही विश्वविद्यालय ने इन्हें प्रवेश दे दिया और जब कोर्स पूरा होने को है तो डिग्री देने से इनकार कर दिया। विश्ववविद्यालय प्रशासन के हाथ खड़े करने के बाद प्रभावित विद्यार्थी सोमवार को जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे। विद्यार्थियों ने रक्त से लिखा पत्र उन्हें सौंपकर डिग्री दिलाने की मांग की।

मेवाड़ यूनिवर्सिटी के छात्र सुनील प्रजापत ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें प्रवेश से लेकर डिप्लोमा पूरा होने तक मान्यता को लेकर अनभिज्ञ रखा। छात्र संजय गरासिया व नरेश मीणा का कहना था कि कई छात्र सुदूर आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर, बांसवाड़ा और फलासिया क्षेत्र से मेवाड़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा करने पहुंचे थे। इनमें से कई विद्यार्थियों के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। इसके बावजूद जमीन गिरवी रखकर विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। पूरा साल निकलने के बाद जब डिग्री देने का समय आया तो विश्वविद्यालय इनकार कर रहा है।

विश्वविद्यालय से एनिमल हसबेन्ड्री विषय से डिप्लोमा पूरा कर चुके विद्यार्थी सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक पहलवान सालवी तथा छात्र नेता रतन वैष्णव के साथ जिला कलेक्टर से मिले और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। जिला कलेक्टर ने गंगरार के उपखंड अधिकारी को इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त कर आश्वस्त किया कि अगले दस दिन में उनकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।

वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दस दिन में छात्र-छात्राओं की समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। जिला कलेक्टर से मुलाकात करने वालों में गोविन्द इनाणी, अरूण चंदेल, दशरथ धाकड़, करण माली आदि शामिल थे।

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