जयपुर। पॉक्सो मामलों की जयपुर की विशेष अदालत ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी जीवन राम डबरिया को दस साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर कोर्ट ने चालीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति का कानून की नजर में कोई महत्व नहीं है. इसके अलावा पीड़िता और आरोपी एक साथ रह रहे हैं और उनके दो बच्चे भी हैं, लेकिन आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट का अपराध साबित होता है. ऐसे में उसे सजा देना उचित है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने कोर्ट को बताया कि 16 मई 2019 को पीड़िता की मां ने दूदू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी 17 वर्षीय बेटी 8 अप्रैल 2019 को बिना बताए कहीं चली गई। बाद में पता चला कि जीवन राम ने उसे बहला-फुसलाकर ले गया था। इसके अलावा उसकी बेटी भी जाते समय घर से एक किलो चांदी और एक तोला सोने के जेवरात ले गई। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आरोपी पीड़िता को बस से दिल्ली, उदयपुर ले गया और उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया और उसे गर्भवती कर दिया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कहा कि वर्ष 2016 में उसकी शादी दूसरे व्यक्ति से हुई थी। वह उसके साथ मारपीट करता था, इसलिए वह उसके साथ रहती थी। यहां उसकी जीवनराम से दोस्ती हो गई और वह अपनी मर्जी से उसके साथ चली गई, लेकिन उसने उससे संबंध नहीं बनाए। हालांकि पीड़िता ने बताया कि वह नौ महीने की गर्भवती है और बच्चे का पिता जीवन राम है. इसके अलावा जीवनराम ने घर से निकलने से पहले संबंध बनाए थे।
वहीं आरोपी और पीड़िता ने कोर्ट में कहा कि वे पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं और उनकी दो बेटियां भी हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्वीकार किया कि पीड़िता के नाबालिग होने पर आरोपी ने अपराध किया था। ऐसे में उसे सजा देना उचित है।