750 पंप आज से बंद, रोजाना 32 करोड़ का नुकसान जानिए पूरा मामला
राजस्थान में लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बाद अब पंप संचालक हड़ताल पर उतर आए हैं। सोमवार से बीकानेर संभाग समेत पाली और बाड़मेर जिले के करीब 750 पेट्रोल पंप अनिश्चचितकालीन समय के लिए बंद हो गए हैं। बीकानेर संभाग के सभी पेट्रोल पंप डीलर्स ने भी हड़ताल का समर्थन किया है
जनता से रिस्ता वेबडेसक | राजस्थान में लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बाद अब पंप संचालक हड़ताल पर उतर आए हैं। सोमवार से बीकानेर संभाग समेत पाली और बाड़मेर जिले के करीब 750 पेट्रोल पंप अनिश्चचितकालीन समय के लिए बंद हो गए हैं। बीकानेर संभाग के सभी पेट्रोल पंप डीलर्स ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल व डीजल श्रीगंगानगर में मिल रहा है। यहां पेट्रोल 120.02 और डीजल 110.85 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। इसके बाद डीलर्स ने हड़ताल की भी घोषणा कर दी है। इसके लिए
डीलर्स ने बताया कि राजस्थान के पड़ोसी राज्यों गुजरात, यूपी, हरियाणा और पंजाब में पेट्रोल-डीजल सस्ता होने की वजह से यहां बिक्री कम हो गई है। श्रीगंगानगर से सटी पंजाब सीमा में पेट्रोल का दाम 109.40 और डीजल 99.24 रुपए प्रति लीटर हैं। इससे इसका सीधा नुकसान राजस्थान के पेट्रोल पंप पर पड़ रहा है। ऐसे में श्रीगंगानगर समेत प्रदेश के 7 जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है।
बीकानेर संभाग, बाड़मेर और पाली में होगी हड़ताल श्रीगंगानगर पेट्रोलियम डीलर्स ऐसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने बताया कि हड़ताल बीकानेर संभाग, बाड़मेर और पाली में होगी। पहले भी संगठन ने बीकानेर और जोधपुर संभााग में हड़ताल की घोषणा की थी। मगर जोधपुर संभाग में ज्यादा परेशानी नहीं होने से बीकानेर संभाग के अलावा केवल पाली और बाड़मेर ही श्रीगंगानगर के पेट्रोलियम डीलर्स के साथ आए हैं। सोमवार सुबह 6 बजे से ही पेट्रोल पंप बंद गए हैं।
हर दिन 32 करोड़ का नुकसान हड़ताल से हर दिन 32 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। जिलाध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि इतने बड़े नुकसान के बावजूद पंप संचालकों के पास कोई चारा नहीं है। उन्होंने बताया कि पहले भी हड़ताल कर चुके हैं और चेतावनी भी दी थी। सरकार हर बार वैट घटाने का आश्वासन देती है, लेकिन होता कुछ नहीं है। लेकिन इस बार जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती वे हड़ताल पर रहेंगे।
बढ़ा वैट महंगे पेट्रोल-डीजल का कारण पेट्रोल पंप संचालकों के अनुसार राजस्थान में डीजल पर वैट 36 प्रतिशत और पेट्रोल पर 26 प्रतिशत है। इसकी तुलना अन्य राज्यों से करें तो पेट्रोल पर वैट पंजाब में 16 प्रतिशत, हरियाणा में 16.40 प्रतिशत, दिल्ली में 16.75 प्रतिशत, गुजरात में 20.20 प्रतिशत तथा यूपी में 17.48 प्रतिशत है। वहीं डीजल पर वैट पंजाब में 24.79 प्रतिशत, हरियाणा में 25 प्रतिशत, दिल्ली में 30 प्रतिशत, गुजरात में 20.10 प्रतिशत तथा यूपी में 26.80 प्रतिशत है।
बायोडीजल नई चुनौती बढ़े वैट के साथ ही एक नई चुनौती बायो डीजल के नाम पर आ रहे बेस ऑयल अथवा अन्य पेट्रोलियम पदार्थ हैं। यह बायोडीजल करीब साठ रुपए लीटर मिल जाता है। ऐसे में लोग कई जगह पर इसका भंडारण करके बेचते हैं और इसका असर भी पेट्रोल पंप संचालकों की बिक्री पर आता है। खास बात यह है कि इलाके में बायोडीजल तो आ नहीं रहा। इस नाम पर ऐसे पेट्रोलियम पदार्थ बेचे जा रहे हैं जो वाहनों के इंजन को नुकसान पहुंचाते हैं।
बिक्री में यह है अंतर यदि बात बिक्री के अंतर की करें तो पंजाब के राजस्थान सीमा से सटे करीब चौदह पेट्रोल पंप संचालक हैं। इन चौदह पेट्रोल पंपों पर हर महीने तीन करोड़ लीटर तेल बेचा जाता है। वहीं अकेले श्रीगंगानगर में 150 पेट्रोल पंपों पर तीन करोड़ लीटर पेट्रोल पूरे महीने में बिक पाता है। बिक्री का यही अंतर पेट्रोल पंप संचालकों की परेशानी बना हुआ है। उल्लेखनीय बात यह भी है कि राजस्थान की पंजाब सीमा से सटे इलाके में ही चौदह पंप हैं वहीं राजस्थान की श्रीगंगानगर सीमा से ही करीब सात किलोमीटर दूरी पर पहला पट्रोल पंप है ऐसे में लोग पंजाब की सीमा से सटे पेट्रोल पंप से ही पेट्रोल ले लेते हैं।