चोरी के मोबाइल बेचने वाली गैंग के 5 गुर्गे गिरफ्तार, पुलिस ने 69 मोबाइल किए जब्त

Update: 2022-12-27 16:11 GMT
अजमेर। बीते दिनों अजमेर नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन का मोबाइल चोरी होने के बाद हरकत में आई पुलिस के हाथ झारखंड की गैंग तक पहुंचे हैं। पुलिस ने गैंग के 5 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया। वहीं पुलिस ने एक नाबालिग को निरूद्ध किया। पुलिस ने गिरोह से 20 लाख रुपए कीमत के 69 मोबाइल जब्त किए गए हैं।
दरअसल, बीते दिनों जैन समाज की ओर से सम्मेद शिखर बचाओ आंदोलन के तहत रैली निकाली गई थी। इस रैली में नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन का मोबाइल चोरी हो गया था। सीसीटीवी में चोरी की घटना कैद हो गई थी। जिसके बाद वारदात का विडियो भी सामने आया और जमकर वायरल हुआ। इस वारदात के बाद जिला पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने डीएसटी और साइबर सैल के साथ ही सिविल लाइन थाना पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए साथ ही खुद भी लगातार मॉनिटरिंग करते रहे। डीएसटी व साइबर सैल की टीम ने सिविल लाइन थाना पुलिस के साथ मिलकर तकनीकी साधनों का प्रयोग करते हुए झारखंड की गैंग का पता लगाया और उसके सदस्यों को दबोचा।वारदात के बाद पुलिस की टीम लगातार बदमाशों का पीछा कर रही थी। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि डीआरएम ऑफिस के पास वारदात अंजाम देने का षडयंत्र रच रहे थे। इसी दौरान पुलिस की टीम ने वहां पहुंचकर झारखंड निवासी शिजवा, रामदर्शन कुर्मी, गोपाल कुमार , जगदीश मेहतो और पवन यादव को गिरफ्तार किया। वहीं उपमहापौर का मोबाइल उड़ाने वाले नाबालिग को भी निरूद्ध कर बाल न्यायालय में पेश किया।
आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूला कि वह भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाते और मोबाइल चुरा कर फरार हो जाते थे। इसके बाद वह सभी मोबाइल को एकत्रित करके बांग्लादेश में बेच देते जिससे कि मोबाइल को ट्रेक नहीं किया जा सके। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 69 मोबाइल जब्त किए गए हैं, जिनमें से 9 आईफोन भी शामिल हैं। जब्त किए गए मोबाइल की कीमत 20 लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है।
आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह बड़ी परीक्षाएं, धरना, प्रदर्शन या मेले में पहुंचते थे। किसी भी व्यक्ति को टारगेट करके भीड़ का फायदा उठाकर मोबाइल चुराते और तुरंत वहां से निकल जाते। वह इन दिनों जयपुर में रूके हुए थे। यहां से आरपीएससी की परीक्षा व धरने प्रदर्शन में जाते, जहां वारदात करके वापस जयपुर पहुंच जाते थे। पुलिस ने इन आरोपियों से पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया। जहां से इन्हें जेल भेजने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि पुलिस इन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेकर दुसरे मामलों में पूछताछ कर सकती है।

Similar News

-->