अलवर। अलवर भिवाड़ी-करौली राजमार्ग के मध्य स्थित मुरली पुरा गांव के पास पद यात्रियों पर बड़ी मधुमक्खियों के छत्ते का कुछ हिस्सा गिरने से पद यात्रियों में भगदड़ गई। इस बीच मधुमक्खियों के हमले से करीब चालीस पदयात्री घायल हो गए। जिनमें महिला-पुरुष व बच्चे शामिल थे। इनमें चार की हालात गंभीर होने से राजगढ़ चिकित्सालय में भर्ती कराया तथा अन्य का कोठीनारायणपुर बायपास स्थित एक निजी क्लीनिक पर उपचार कराया गया। अलेई ग्राम पंचायत सरपंच राजेश कुमार मीणा, पद यात्री जगमोहन सैनी ने बताया कि दौसा जिले के मंडावर से भर्तृहरि धाम के लिए करीब 100 पद यात्रियों का दल जा रहा था। इसी दौरान माचाड़ी-कोठीनारायणपुर मार्ग के मध्य मुरलीपुरा गांव के पास पीपल के पेड़ पर लगे बड़ी मधुमक्खियों के छत्ते का कुछ हिस्सा टूटकर नीचे आ गिरा। इस बीच पदयात्रियों में भगदड़ मच गई। मधुमक्खियों के हमले से करीब 40 महिला-पुरुष व बच्चे घायल हो गए।
गंभीर घायल : मधुमक्खियों के हमले से गम्भीर घायल मण्डावर निवासी बुधाराम सैनी, रमन मीना, मनीष सैनी एवं बहडको निवासी नीलम सैनी को राजगढ़ चिकित्सालय में भर्ती कराया। निजी क्लिनिक पर उपचार : मधुमक्खियों के हमले से गंभीर घायलों के अलावा त्रिलोक सैनी, महावीर सैनी, जगमोहन सैनी, छोटे लाल प्रजापत, निशू सैनी, महेश चन्द सैनी, रीमा सैनी, अभिषेक सैनी, शेखर सैनी, पप्पूराम प्रजापत, हीरालाल सैनी सहित करीब 40 पदयात्रियों का कोठीनारायणपुर बायपास स्थित निजी क्लीनिक पर प्राथमिक उपचार कराया गया। पद यात्रा में करीब एक सौ महिला-पुरुष व बच्चे थे शामिल थे। प्राथमिक उपचार के बाद पद यात्रियों के दल ने अपनी पद यात्रा शुरू की।अलवर. भर्तृहरि एवं पाण्डुपोल हनुमानजी के मेलों में जिले के अलावा अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पांडुपोल हनुमानजी का लक्खी मेला 17 से 20 तक, वहीं भर्तृहरि का 21 से 23 सितंबर तक भरेगा। मेलों के प्रति जिलेवासियों के साथ ही अनेक जिलों एवं अन्य प्रदेशों के लोगों में गहरी आस्था है। भर्तृहरि को लोक देवता माना जाता है। इसलिए मेले में दूर-दूराज से भक्त दर्शनों को यहां आते हैं।