जयपुर न्यूज़: प्रदेश में मानसून की विदाई के साथ ही मौसमी बीमारियों ने डेरा जमाना शुरु कर दिया है। हर घर में बुखार और सर्दी खांसी के मरीज इन दिनों देखने को मिल रहे हैं। राज्य में इन दिनों सबसे ज्यादा मामले डेंगू और मलेरिया के सामने आ रहे हैं। एक जनवरी से 2022 से अब तक की बात करें तो प्रदेश में 9061 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिल चुके हैं और 6 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से अकेले जयपुर जिले में ही 3485 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं, और एक मरीज की मौत हुई है। ऐसे में और जिलों के मुकाबले जयपुर में डेंगू से हाल ज्यादा खराब हैं। बारिश के बाद अकेले अक्टूबर माह में ही प्रदेश में 2000 से ज्यादा मामले डेंगू के मिले हैं। बच्चों में डेंगू तेजी से बढ़ रहा है। जयपुर के जेके लॉन हॉस्पिटल में हर रोज 10 से ज्यादा डेंगू संदिग्ध मरीज आ रहे हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि इस बार डेंगू के मामलों में गंभीरता तुलनात्मक रूप से बहुत कम है।
इसलिए गंभीरता है कम: जेकेलोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों की मानें तो यहां हर रोज ओपीडी में 10 से ज्यादा डेंगू के संदिग्ध मरीज आ रहे हैं जिनका इलाज किया जा रहा है। लेकिन इसमें ज्यादातर मरीज एलाइजा टेस्ट में नेगेटिव आ रहे है यानी उनमें डेंगू नहीं मिल रहा है। इधर रेपिड टेस्ट में भी यही स्थिति है जिसमें बहुत ही कम केस पॉजिटिव मिल रहे है। इस कारण इस बार एडमिशन बहुत कम हो रहे है और मरीजों को दवाईयां देकर घर पर ही ठीक कर रहे है। इस कारण जेके लॉन समेत दूसरे हॉस्पिटल्स में एसडीपी, प्लेटलेट्स को लेकर ज्यादा समस्या नहीं आ रही।
एसएमएस में भी बढ़ी ओपीडी: एसएमएस अस्पताल में इन दिनों ओपीडी 11 हजार के आसपास दर्ज की जा रही है। इसका बड़ा कारण है मौसमी बीमारियां। अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसार एसएमएस में अगर 10 मरीज ओपीडी में बुखार के आ रहे हैं तो इनमें से पांच से छह में डेंगू के लक्षण हैं हालांकि ये लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं हैं।
अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़े हैं। डेंगू के भी काफी केस सामने आ रहे हैं। हालांकि इस बार गंभीरता कम है लेकिन एहतियात बरतना बेहद जरूरी है।
- डॉ. रमन शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन, एसएमएस अस्पताल