अजमेर 2101 आसन पर 100 मिनट का सुंदर कांड: भक्तों में उत्साह
100 मिनट का सुंदर कांड: भक्तों में उत्साह
राजस्थान श्रद्धालुओं से भरा पांडाल और उत्साह और आस्था के बीच 2101 आसन पर 100 मिनट तक सुंदरकांड सम्राट अश्विन कुमार पाठक ने सुन्दरकांड पाठ किया। इसमें 200 से ज्यादा वोलेन्टर्स ने व्यवस्थाएं सम्भाली। सुरेश शर्मा स्मृति, पंडित आत्माराम व्यास जन्म शताब्दी वर्ष समारोह समिति एवं केशव माधव परमार्थ मण्डल, अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार रात को यह आयोजन हरिभाउ उपाध्याय नगर स्थित दाहरसेन स्मारक, अजमेर पर हुआ।
अश्विन पाठक ने भगवान श्री राम दरबार की तस्वीर के समक्ष पूजा अर्चना के पश्चात अपने आसन को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि सुंदरकांड ऐसी उपासना है जो आदि व्याधि से बचाव कर करता है एवं शाश्वत शांति की अनुभूति कराता है। भक्ति अपनी श्रद्धा और आस्था से होती है, ना कि किसी के कहने से। समाज का परिवर्तन विश्व देख रहा है। भक्तों से प्रार्थना करते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों में कितनी ताकत है, यह बताने के लिए उन्होंने सुंदरकांड और रामायण का उदाहरण देते हुए बताया कि सीता माता ने हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था, इसलिए हनुमान जी आज भी युग में चिरंजीवी है। सुंदरकांड जीवन के मूल्य की कथा है।