हरेक बात के लिए केंद्र के सामने मिन्नतें नहीं करेंगे: मुख्यमंत्री भगवंत मान
निहालगढ़ (संगरूर): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बारिश और आँधी के कारण फसलों के हुए नुकसान का मुआवज़ा किसानों को देने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष मिन्नतें नहीं करेंगे, बल्कि खऱाब हुई गेहूँ की फ़सल पर भारत सरकार द्वारा मूल्य में कटौती से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपायी राज्य सरकार करेगी।
महान स्वतंत्रता सैनानी तेजा सिंह स्वतंत्र की प्रतिमा से पर्दा हटाने के बाद अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम फ़सल के मूल्य में कटौती न करने के लिए केंद्र के समक्ष मिन्नतें नहीं करेंगे, परन्तु जब केंद्र सरकार राष्ट्रीय अनाज भंडार के लिए हमसे गेहूँ या धान की सप्लाई माँगेगी, उस समय पर हम किसानों के हित में मुआवज़ा माँगेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बेमौसमी बारिश के कारण फसलों का भारी नुकसान सहना पड़ा, परन्तु केंद्र सरकार ने कठिन समय में किसानों का हाथ नहीं थामा। इसके उलट नुकसान हुई फ़सल, सिकुडऩ और टूटे दानों और अधिक नमी के कारण मूल्य में कटौती कर किसानों के ज़ख़्मों पर नमक छिडक़ा। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र ने सिकुड़े और टूटे दानों के लिए 18 प्रतिशत तक ढील देने के साथ ही शर्तें थोप दीं।
इस संबंधी और विस्तार में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छह प्रतिशत तक सिकुड़े और टूटे दानों वाली फ़सल के लिए मूल्य में कोई कटौती नहीं, परन्तु छह प्रतिशत से आठ प्रतिशत तक टूटे और सिकुड़े दानों वाली फ़सल पर मूल्य में प्रति क्विंटल 5.31 रुपए की कटौती लागू की गई। इसी तरह मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ से दस प्रतिशत तक प्रति क्विंटल 10.62 रुपए कटौती, जबकि 10 से 12 प्रतिशत तक प्रति क्विंटल 15.93 रुपए कटौती की शर्त लगा दी गई। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र के इस मनमाने फ़ैसले से 12 प्रतिशत से 14 प्रतिशत तक सिकुड़े और टूटे दानों वाली फ़सल के मूल्य में प्रति क्विंटल में 21.25 रुपए की कटौती, 14 से 16 प्रतिशत तक प्रति क्विंटल 26.56 रुपए की कटौती, जबकि 16 से 18 प्रतिशत तक मूल्य में प्रति क्विंटल 31.87 रुपए कटौती की शर्त थोप दी गई है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के फ़ैसले के मुताबिक गेहूँ के 10 प्रतिशत बदरंग दानों के मूल्य में कोई कटौती नहीं। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत बदरंग फ़सल पर प्रति क्विंटल 5.31 रुपए की कटौती लगेगी। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र ने पहले ही राज्य का जी.एस.टी. और आर.डी.एफ. का बनता हिस्सा अभी तक जारी नहीं किया और अब किसानों पर यह फ़ैसला थोप दिया जो पहले ही बेमौसमी बारिश के कारण संकट से गुजऱ रहे हैं।
किसानों को किसी तरह की कोई फिक्र न करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार अपने स्तर पर किसानों के हित महफूज़ रखने में सक्षम है और अन्नदाताओं की मदद के लिए केंद्र के समथ हाथ नहीं फैलाएगी। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में किसानों का हाथ थामने की बजाय केंद्र ने प्रभावित फ़सल, गेहूँ के सिकुड़े और टूटे दानों के कारण मूल्य में कटौती करने का फ़ैसला लिया। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इस गंभीर स्थिति में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और केंद्र सरकार द्वारा मूल्य में कटौती से किसानों को होने वाले नुकसान का सारा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के किसानों को बड़ी राहत दी गई है और राज्य सरकार ने किसानों की फसलों के हुए नुकसान के लिए मुआवज़ा राशि में 25 प्रतिशत वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुई फसलों वाले किसानों को राज्य सरकार इस बार प्रति एकड़ 15000 रुपए का मुआवज़ा देगी। भगवंत मान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य हर कीमत पर किसानों के कल्याण को सुनिश्चित बनाना है। उन्होंने कहा कि राज्य में विशेष गिरदावरी करवाई जा रही है और बैसाखी से पहले नुकसान हुई फसलों का मुआवज़ा बाँट दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि गिरदावरी करवाने से पहले किसानों को इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जा रहा है। भगवंत मान ने कहा कि इससे पहले गिरदावरी केवल दफ़्तरों या राजनीतिक तौर पर रसूखदार लोगों के घरों में ही होती थी, परन्तु अब निष्पक्ष ढंग से गिरदावरी की जा रही है, जिससे हरेक किसान को मुआवज़ा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में काम करते हुए राज्य सरकार ने पहले ही गन्ने की फसल के सभी बकाए का भुगतान कर दिया है। भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को पिछले साल धान के सीजन के दौरान बिजली की निर्विघ्न आपूर्ति सुनिश्चित बनाई और इस साल भी बिजली की निर्विघ्न आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।