पंजाबियों की मेज़बानी के कारण राज्य में होम और फार्म स्टे की अथाह संभावनाएं
एस. ए. एस. नगर/ चंडीगढ़: इको और फार्म टूरिज्म की सफलतापूर्वक शुरुआत करते हुये पर्यटन के प्रति पंजाब की वचनबद्धता के अंतर्गत एमिटी यूनिवर्सिटी, मोहाली में अपनी किस्म के पहले ’टूरिज्म समिट एंड ट्रैवल मार्ट- 2023’ के दौरान पर्यटन की अप्रयुक्त संभावनाओं पर एक महत्वपूर्ण सैशन करवाया गया। इको और फार्म टूरिज्म पर इस सैशन ने राज्य की समृद्ध कृषि विरासत और कुदरती सुंदरता को उजागर किया जिससे यह विश्व भर के वातावरण और खेती पर्यटन प्रेमियों के लिए एक पसन्दीदा स्थान बन गया। पंजाबियों की मेज़बानी स्वरूप राज्य में होम और फार्म स्टे की अथाह संभावनाएं हैं।
इस महत्वपूर्ण सैशन का संचालन करते हुये श्री प्रसाद रैबाप्रगाडा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र के सर्वांगीण और टिकाऊ विकास, रोज़गार सृजन करने को बढ़ावा देने और इसकी आर्थिक खुशहाली के लिए नये रास्ता खोलने के लिए वचनबद्ध है। इस सैशन का उद्देश्य अनछुए स्थानों, इको और एडवेंचर टूरिज्म के अनुभवों को उत्साहित करना है।
इस सैशन में हिस्सा लेते हुये किक्कर लौंज के सीईओ अमरिन्दर सिंह चोपड़ा ने कहा कि पंजाब कुदरत के खजाने से भरा हुआ है और यह राज्य में मानवता और जंगली जीवों के सह-अस्तित्व के साथ-साथ जल संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि राज्य अपने टिकाऊ ‘इको एंड फार्म टूरिज्म’ के द्वारा हर रोज़ पंजाबियत का जश्न मना रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाबियत की असली भावना पंजाब के गाँवों में झलकती है और यह ज़रूरी है कि हम पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र के पर्यटन की संभावनाओं को वैश्विक नेताओं के आगे प्रदर्शित करें।
इस दौरान सिटरस काउंटी के संस्थापक हरकीरत सिंह आहलूवालीया ने कहा कि फार्म स्टे और होम स्टे सभ्याचार को प्यार करने वालों के लिए प्रसिद्ध विकल्प बन गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब गाँवों में बसता है और आज इस सम्मेलन के उद्घाटनी सैशन में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शहीदों से सम्बन्धित हरेक गाँव के बारे बात की। उन्होंने कहा कि आज के युग में सैलानी शांतमयी क्षेत्रों में छुट्टियाँ बिताना चाहते हैं और राज्य सरकार ने इसको समझा है। उन्होंने यह भी बताया कि फार्म टूरिज्म औरतों के लिए भी रोज़गार का एक बढ़िया स्रोत है।
खेती पर्यटन के इनोवेटर पांडुरंग तवाड़े ने अपने विचार प्रकट करते हुए कृषि पर्यटन को बड़े स्तर पर उत्साहित करने पर ज़ोर दिया, जिससे किसानों की आय कई गुणा बढ़ सकती है। उन्होंने महिला किसानों को उत्साहित करने और कृषि पर्यटन की संभावनाओं की पहचान करने पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कृषि पर्यटन के अन्य पहलूओं के बारे बोलते हुये कौशल विकास और शैक्षिक टूर के अंतर्गत कृषि पर्यटन के बारे पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए कहा।
पर्यटन लेखिका बिंदु गोपाल राव ने पंजाब सरकार की नीति की सराहना करते हुए कहा कि इको-टूरिज्म का उद्देश्य कुदरत की देखभाल, स्थानीय भाईचारे की ज़रूरतों और सैलानियों की आमद के दरमियान संतुलन कायम करना है। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद, लोगों की जीवन शैली में व्यापक तबदीली आई है और हर कोई वातावरण की स्थिरता के बारे जागरूक है। उन्होंने कहा कि राज्य में इको-टूरिज्म की अथाह संभावनाएं हैं।
अपना तजुर्बा सांझा करते हुए हंसाली आर्गेनिक फार्म के संस्थापक पावेल गिल ने कहा कि राज्य में फार्म स्टे टूरिज्म की बहुत संभावनाएं हैं परन्तु इस सम्बन्ध में हर संभावना तक पहुँच बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य के पास एक समृद्ध खेती विरासत है जिस तक पहुँच करने की ज़रूरत है। आर. ए. आर. ई. की इंडिया शौभना जैन ने राज्य के शांतमयी माहौल के बारे संक्षिप्त जानकारी दी।
इस सैशन में वित्त कमिश्नर वन और वन्य जीव विकास गर्ग, पर्यटन और सांस्कृतिक मामले के डायरैक्टर वरिन्दर कुमार शर्मा और अतिरिक्त डायरैक्टर राकेश कुमार पोपली उपस्थित थे।