प्रदूषित हवा व वातावरण परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचने के लिए आज से ही सावधान रहने की जरुरत: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल
होशियारपुर: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने कहा कि सडक़ पर चलते वाहनों की बढ़ रही गिनती इंडस्ट्री से पैदा हो रहे धुआं, फसलों के अवशेषों को जलाने व प्लास्टिक को जलाने के बाद पैदा होने वाली जहरीली गैसें हमारे वातावरण को हवा को प्रदूषित करने के मुख्य कारण है, जिसका सीधा असर मानवीय स्वास्थ्य व वनस्पति से पैदा है। वे आज जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स होशियारपुर में प्रदूषित हवा व वातावरण परिवर्तन संबंधी जिला टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
डिप्टी कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ बाकी विभागों को भी हवा प्रदूषण को रोकने व कम करने के लिए योग्य प्रयास के लिए कहा। उन्होंने पुलिस विभाग को प्रत्यक्ष रुप में धुआं छोड़ते वाहनों के चालान काटने व फसलों से अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए पैट्रोलिंग करने के लिए कहा।
उन्होंने बागवानी व वन विभाग को अधिक से अधिक पौधे लगाने व उनकी देखभाल करने के लिए हिदायत की। इसके अलावा नगर निगम को सालिड वेस्ट मैनेजमेंट को सुचारु रुप में निपटारा करने के लिए व सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए कहा ताकि आने वाले समय में हम हवा प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बच सकें।
जिला एपीडिमोलोजिस्ट डा. जगदीप सिंह ने एक पी.पी.टी के माध्यम से हवा के बढ़ रहे प्रदूषण के कारणों, दुष्प्रभावों व बचाव के लिए किए जान वाले कायों संबंधी विस्तार से जानकारी सांझी की। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय मेंं एक आम आदमी औसतन हर सप्ताह पानी, भोजन व हवा के माध्यम से करीब पांच ग्राम प्लास्टिक किसी न किसी रुपए में खा रहा है या सांस से अंदर ले रहा है।
जिससे बहुत सारी भयानक बीमरियां फैल रही है। बैठक में अलग-अलग विभागों के अधिकारी व प्रतिनिधि मौजूद थे।