पंजाब सरकार के दावों की निकली हवा, अपनी Salary को ही तरस गए मुलाजिम
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फाजिल्का। पंजाब सरकार द्वारा कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने के दावे किए जा रहे हैं। चुनावों से लेकर अब तक पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा 36000 कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने की वचनबद्धता दोहराई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने कच्चे मुलाजिमों को पक्का तो क्या करना उलटा उनकी तनख्वाह भी रोक रखी है। प्रेस को बयान जारी करते हुए राज्य जनरल सचिव अमृतपाल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार से मनरेगा मुलाजिमों को सरकार से बहुत उम्मीदें थी उन्हें कुछ राहत मिलेगी। यूनियन द्वारा बार-बार मंत्रियों व विधायकों को मांग पत्र सौंपे गए हैं। अधिकारियों से कई बार मीटिंग की मांग की गई है।
लेकिन हर बार समय की कमी होने का बात कह कर अगले सप्ताह का बोल दिया जाता है। आगे उन्होंने बताया कि ड्यूटी के दौरान हादसे का शिकार हुए मुलाजिमों को कोई भी मैडीकल सहूलत नहीं दी जाती है। मौत वाले केसों में नौकरी तथा मुआवजे देने का भी कोई प्रावधान नहीं है। यहां तक मनरेगा मुलाजिमों का आज तक ई.पी.एफ. काटा नहीं जाता। बिना किसी गलती से नौकरी से निकाले गए मुलाजिमों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उक्त सभी मांगे पिछले संघर्ष दौरान मानी तो जा चुकी है लेकिन आज तक लागू नहीं की गई है। विभाग मंत्री द्वारा भी मुलाजिमों का पक्ष नहीं सुना जा रहा है। इसी के चलते पंजाब भर के मनरेगा मुलाजिमों में रोष पाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें मजबूर हो संघर्ष शुरू करना होगा।