रिसर्च का काम होगा तेज, नाबी को मिला सुपर कंप्यूटर

नाबी को मिला सुपर कंप्यूटर

Update: 2021-11-03 09:58 GMT

मोहाली। नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीटयूट नाबी में मंगलवार को केंदीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 650 टेराफ्लॉप्स सुपरकंप्यूटिंग सुविधा का उद्घाटन किया। यह सुविधा सी-डैक पुणे के सहयोग से राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत स्थापित की गई है। इस पर करीब 20 करोड़ रुपये लागत आई है। वहीं, इससे कृषि और पोषण जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित संस्थान में किए जा रहे अंत:विषय अत्याधुनिक अनुसंधान की जरूरतों को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी। यह चंडीगढ़ समेत उत्तरी भारत का इकलौता कंप्यूटर है।

संस्थान के डायरेक्टर प्रो. अश्विनी पारीक ने कहा कि यह सुपर कंप्यूटर सुविधा एनएबीआई और सीआईएबी के वैज्ञानिकों के लिए उपलब्ध होगी और साथ ही पड़ोसी संस्थानों/विश्वविद्यालयों में कार्यरत वैज्ञानिकों/संकाय के लिए और एनएसएम के तहत स्वीकृत कुछ परियोजनाओं के लिए सहयोगात्मक कार्य के लिए खुली रहेगी। यह उच्च स्तरीय सुविधा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों में किए जा रहे बड़े पैमाने पर जीनोमिक्स, कार्यात्मक जीनोमिक्स, संरचनात्मक जीनोमिक्स और जनसंख्या अध्ययन से प्राप्त होने वाले बिग डेटा के विश्लेषण के लिए एक वरदान साबित होगी।
इस दौरान दो डिजिटल वर्किंग प्लेटफॉर्म भी शुरू किए गए। केंद्रीय मंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एनएसएम भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। मिशन के तहत सुपर कंप्यूटरों का एक समूह तैयार किया जाएगा। जो देश भर के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों को जोड़ेगा। मिशन अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों की बढ़ती गणना मांग को भी पूरा करेगा और अनुसंधान गणनाओं को बहुत तेजी से संसाधित करेगा। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह महत्वपूर्ण पहल देश के 'डिजिटल इंडिया' के दृष्टिकोण का भी समर्थन करेगी।
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