Punjab: पंजाब सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार
"अब फीडबैक पर होगी कार्रवाई"
चंडीगढ़: दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद से अब पंजाब सरकार एक्शन में आ गई है। बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती के लिए सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। जिसकी जिम्मेदारी सरकार ने जिलों के डीसी, एसएसपी, एसडीएम और एसएचओ को दी है। साथ ही ये आदेश दिए है कि अगर वे इसमें सफल नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आम जनता और विधायकों से इस बात के फीडबैक लिए जायेंगे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू से ही सक्रिय पंजाब सरकार: जैसे कि आप जानतें है पंजाब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू से ही सक्रिय रही है। इसके संकेत सरकार ने अपने विधायकों के खिलाफ केस दर्ज करके दे दिए थे। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के कई पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के केस दर्ज किए गए। लेकिन ये केस कोर्ट में टिक नहीं पा रहे हैं। विभिन्न परियोजनाओं में कांग्रेस नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसकी गति धीमी हो गई थी। ऐसे में यह भी साफ संकेत है कि पहले चल रही परियोजनाओं की जांच में तेजी लाई जाएगी। साथ ही आने वाले दिनों में कई लोगों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा। इससे सीधे तौर पर लोगों का दिल जीतने की कोशिश होगी।
तीन साल में विजिलेंस ने किया हमला: पंजाब में साल 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। सरकार बनते ही विजिलेंस पूरी तरह से एक्शन में रही है। वर्ष 2022 में विजिलेंस ने 202 मामले दर्ज किए और 19 मामलों में सजा दिलाई और वर्ष 2023 में 252 मामले दर्ज किए गए। इसी के साथ ही वर्ष 2024 में विजिलेंस ने 134 ट्रैप लगाए। भ्रष्टाचार के 262 मामले दर्ज किए गए, जबकि 41 मामलों में आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा गया।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लोग शिकायत करे: पंजाब सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम भ्रष्टाचार पर काबू पाने और सरकार के कामकाजी माहौल को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस कदम का उद्देश्य भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना और पंजाब को एक स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन देना है।
इससे पहले भी पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने वाट्सएप नंबर 9501200200 जारी किया था, ताकि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लोग शिकायत कर सकें। सरकारी आंकड़े दावा करते हैं कि इसके बाद भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है।
इस नंबर के जारी होने के बाद सरकार को भ्रष्टाचार के कई मामले मिले और जांच के बाद गिरफ्तारियां भी हुईं। जानकारी के अनुसार, विजिलेंस ने भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्रियों से लेकर आईएएस अधिकारियों तक पर शिकंजा कसा है।