पंजाब सरकार ने किसानों को आज पिंक बॉलवर्म कीट हमले से कपास उत्पादक फसल नुकसान को लेकर मुआवजे का किया ऐलान
पंजाब सरकार ने शनिवार को कपास उत्पादक किसानों को पिंक बॉलवर्म कीट के हमले के कारण उनकी फसल के नुकसान की भरपाई के लिए 416 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी करने की घोषणा की
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- पंजाब सरकार ने शनिवार को कपास उत्पादक किसानों को पिंक बॉलवर्म कीट के हमले के कारण उनकी फसल के नुकसान की भरपाई के लिए 416 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी करने की घोषणा की. पिंक बॉलवॉर्म के हमले से मनसा, संगरूर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब और बरनाला जिलों में कपास की फसल को व्यापक नुकसान हुआ था.राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार 416 करोड़ रुपए की राशि जारी कर रही है. इस राशि में से 10 प्रतिशत कपास बीनने वाले श्रमिकों को राहत के रूप में दी जाएगी. मुआवजे की राशि दिवाली से पहले उपायुक्तों के खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी और संबंधित जिला प्रशासन सीधे किसानों के बैंक खातों में इस राशि को हस्तांतरित करेंगे.
किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है सरकार-
चौधरी ने कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और उनके कल्याण के लिए हर कदम उठाया जाएगा. कैबिनेट मंत्रियों ने मुआवजे के बंटवारे की जानकारी देते हुए कहा कि कुल 7.51 लाख एकड़ कपास की फसल में से 4 लाख एकड़ को पिंक बॉलवर्म से नुकसान पहुंचा है.उन्होंने कहा कि 26 से 32 प्रतिशत तक के नुकसान के लिए 2,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है, 33 से 75 प्रतिशत नुकसान के लिए 5,400 रुपए प्रति एकड़ और 76 से 100 प्रतिशत नुकसान के लिए 12,000 रुपए प्रति एकड़ का भुगतान किया जा रहा है जो अब तक की सबसे अधिक राशि है.
बारिश से हुए नुकसान के लिए भी जल्द दिया जाएगा मुआवजा-
पहले किसानों को 8,000 रुपए प्रति एकड़ और बीनने वालों को फसल खराब होने पर नुकसान के पांच प्रतिशत का भुगतान किया जा रहा था. हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि फसल के नुकसान के आकलन के लिए गिरदावरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं. उपायुक्तों से रिपोर्ट मिलते ही प्रभावित उत्पादकों को मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी. उपायुक्तों को एक सप्ताह के भीतर फसल क्षति की रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है.