विजीलैंस ब्यूरो द्वारा पर्ल्ज़ ग्रुप घोटाले में शामिल निर्मल सिंह भंगू की पत्नी प्रेम कौर गिरफ़्तार
चंडीगढ़: विजीलैंस ब्यूरो पंजाब ने गुरूवार को पर्ल्ज़ गोल्डन फोरेस्ट (पी.जी.एफ.) लिमिटेड के मैनेजिंग डायरैक्टर निर्मल सिंह भंगू की पत्नी प्रेम कौर को भी गिरफ़्तार कर लिया है, जोकि जाँच-पड़ताल में शामिल न होकर गिरफ़्तारी से बचती आ रही थी। उसे पी.ए.सी.एल. लिमिटेड से सम्बन्धित सम्पत्तियों को हड़पने के मामले में नामज़द किया गया था और इसने पंजाब में पी.ए.सी.एल. एवं पी.जी.एफ की सहायक/ समूह कंपनियों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के हुक्मों का उल्लंघन करते हुए सम्बन्धित सम्पत्तियों को बेचने के लिए अपने नज़दीकियों को अधिकृत किया हुआ था।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो की विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) ने मुलजिम प्रेम कौर निवासी एच. 2138, फेज- ङ्कढ्ढढ्ढ, एस.ए.एस नगर को पुलिस थाना (सिटी) ज़ीरा, फिऱोज़पुर में आई.पी.सी. की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत दर्ज मुकदमा नंबर 79, तारीख़ 16-07-2020 में गिरफ़्तार किया है। वह इस मामले की जांच में शामिल नहीं हुई और फऱार थी।
अधिक विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि प्रेम कौर पी.ए.सी.एल की कई समूह/सब्सिडरी कंपनियों में डायरैक्टर भी रह चुकी है, जिनमें ज्ञान सागर हैल्थकेयर लिमिटेड, अपहिल टावजऱ् प्राईवेट लिमिटेड, मकतूम डिवैल्पजऱ् प्राईवेट लिमिटेड, पर्लज़ हॉस्पिटैलिटी होटलज़ एंड रिज़ोर्टज़ प्राईवेट लिमिटेड, वालिया एंड मजूमदार रिअलेटरज़ प्राईवेट लिमिटेड, वालिया एंड मजूमदार बिल्डजऱ् प्राईवेट लिमिटेड, हरविन्द्रा इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड, पर्लज़ स्पोर्टस वैंचरज़ इंडिया लिमिटेड और पर्लज़ ब्रांड्ज़ लिमिटेड शामिल हैं।
उसके पति निर्मल सिंह भंगू, मैनेजिंग डायरैक्टर, पीजीएफ लिमिटेड को पहले ही सीबीआई द्वारा पीजीएफ/ पीएसीएल लिमिटेड द्वारा चलाए चिट फंड (पोंज़ी) घोटाले में गिरफ़्तार करके चार्जशीट किया हुआ है। इस योजना में पंजाब समेत अलग-अलग राज्यों के लगभग 5 करोड़ भोले-भाले निवेशकों द्वारा 50,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था।
जि़क्रयोग्य है कि जस्टिस (सेवामुक्त) आर.एम. लोढा के नेतृत्व अधीन एक उच्च स्तरीय समिति का गठन सुप्रीम कोर्ट के हुक्मों के अनुसार किया गया था, जिससे पीएसीएल लिमिटेड की जायदादों की पहचान करके उनकी बिक्री से इक_ी होने वाली रकम इस चिट फंड कंपनी में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करने वाले निवेशकों को वापस की जा सके।
उसने आगे कहा कि प्रेम कौर ने पंजाब में पीएसीएल लिमिटेड और इसकी सहायक कम्पनियों/ समूह कंपनियों से सम्बन्धित जायदादों को आगे बेचने में अहम भूमिका निभाई थी और 25 जुलाई 2016 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी हुक्मों का उल्लंघन करके पीएसीएल लिमिटेड से सम्बन्धित जायदादों को बेचने के लिए अपने एक नज़दीकी को अधिकृत किया था, जबकि सर्वोच्च अदालत द्वारा इस कंपनी की भारत के अंदर या बाहर स्थित किसी भी संपत्ति की किसी भी तरीके से बिक्री / तबादला आदि करने पर रोक लगाई हुई है।