अब पंचायतें होंगी 'सांझा ग्रामीण जमीन' की मालिक, पंजाब मंत्रिमंडल ने लगाई मोहर
पंजाब में अब जुमला मुश्तरका मालिकान जमीन की मालिक सिर्फ ग्राम पंचायतें होंगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजाब में अब जुमला मुश्तरका मालिकान जमीन (सांझा ग्रामीण जमीन) की मालिक सिर्फ ग्राम पंचायतें होंगी। पंजाब मंत्रिमंडल ने सोमवार को इस फैसले पर मोहर लगा दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रिमंडल ने जुमला मुश्तरका मालिकान जमीन (सांझी ग्रामीण जमीन) के पूर्ण स्वामित्व ग्राम पंचायतों को देने के लिए पंजाब विलेज कॉमन लैंडज (रैगुलेशन) एक्ट 1961 की धारा 2 (जी) में संशोधन को मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने पराली जलाने की समस्या को रोकने और इसके उचित निपटारे के लिए औद्योगिक और व्यापार विकास पॉलिसी-2017 और डीटेल्ड स्कीम्ज एंड आप्रेशनल गाइडलाइंस-2018 में संशोधन करने को भी मंजूरी दे दी। इसके अंतर्गत पराली को ईंधन के तौर पर बरतने वाले ब्वायलर लगाने के लिए स्टैंडअलोन बायो-इथेनोल इकाइयों के लिए बायो फ्यूल प्रोजैक्ट्स के लिए रियायतें दी गई हैं। पराली आधारित ब्वायलरों के प्रयोग की प्रौद्योगिकी विकसित हो रही है और जो भी इकाइयां पराली को ईंधन के तौर पर बरतने वाले ब्वायलर नहीं लगाएंगी, उनको 50 प्रतिशत कम रियायतें मिलेंगी।
पंजाब में 5जी डिजिटल बुनियादी ढांचे की तेजी से तैनाती के लिए नई पीढ़ी के सैलों की स्थापना हेतु स्ट्रीट फर्नीचर के प्रयोग के लिए पंजाब कैबिनेट ने इंडियन टैलीग्राफ राइट आफ वे रूल्ज 2016 के नियम 2021 के संशोधन की तर्ज पर टैलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर गाइडलाइंस 2020 और गाइडलाइंस रैगुलराइजेशन टावर्ज 2022 में संशोधन को भी मंजूरी दी। इसके नतीजे के तौर पर 5जी/ 4जी (डिजिटल बुनियादी ढांचे) की तैनाती के लिए नई पीढ़ी के सैल लाने के लिए स्ट्रीट फर्नीचर का प्रयोग और जमीन पर टैलीकम्युनिकेशन ढांचे की स्थापना की इजाजत होगी, जिससे संचार साधनों में सुधार होगा और राज्य के लोगों को इससे फायदा मिलेगा।