जालंधर। पंजाब में भारतीय जनता पार्टी ने नई टीम का गठन किया है। राज्य के भाजपाध्यक्ष सुनील जाखड़ की नई टीम ने कई वर्गों को उत्साहित किया गया, जबकि कई वर्गों को पीछे कर दिया गया। इस सबके बीच पार्टी के पूर्व विधायक अरुण नारंग ने इस्तीफा दे दिया और आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली। वैसे तो भाजपा में नेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन अरुण नारंग का जाना सबसे ज्यादा चिंता का विषय है क्योंकि अरुण नारंग उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पार्टी के लिए जमीनी काम भी किया था और लोगों से कपड़े भी फड़वाए थे। किसानों ने कपड़े फाड़ने से पहले सिर्फ मोदी मुर्दाबाद कहने को बोला था, लेकिन नारंग इस बात पर अड़ गए कि वह ऐसा कुछ नहीं बोलेंगे। अगर पार्टी के सच्चे सिपाही न होते और असलियत में सिर्फ राजनीतिज्ञ होते तो मौका संभालते हुए शायद 'मुर्दाबाद' बोल भी देते। मार्च 2021 में जब किसानों का आंदोलन चल रहा था।
उस समय पंजाब के मलोट जिले में भाजपा के विधायक अरुण नारंग के साथ किसानों ने जमकर बदसलूकी की थी। नारंग मलोट में एक सभा को संबोधित करने गए थे, लेकिन वहां पर पहले से ही मौजूद किसानों ने उनके साथ मारपीट की, उनके कपड़े फाड़ दिए और उनके चेहरे पर कालिख तक पोत दी। वैसे भाजपा नेताओं का यह विरोध पहला नहीं था, लेकिन अरुण नारंग के साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ था, वह काफी असभ्य था। कोई और राजनीतिक दल होता तो शायद नारंग को सिर आंखों पर बिठा लेता, क्योंकि पार्टी की खातिर इस तरह का सलूक सहने वाले बहुत कम नेता हैं। लेकिन यह भाजपा है, यह सिर्फ उसे सलाम करती है, जिसकी इसे जरूरत होती है। यहां पर किसी खास व्यक्ति की उदाहरण देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी भाजपाइयों के जहन में इस तरह की नामोशी सह चुके नेताओं के बारे में अच्छी खासी जानकारी है, बोलें ना वो अलग बात है।