नगर निगम जल्द ही करेगा गुरुग्राम में दो और वेस्ट लैंडफिलिंग साइटों की पहचान : कौशल

Update: 2023-05-26 12:51 GMT

चंडीगढ़। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को गुरुग्राम में बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर पुराने कचरे के प्रसंस्करण में तेजी लाने को कहा है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि इस साल नवंबर तक सारे पुराने कचरे को संसाधित किया जाना चाहिए। कौशल ने शुक्रवार को शहरी स्थानीय निकाय विभाग, गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगमों के अधिकारियों से वर्चुअल बैठक के दौरान यह निर्देश दिए।

फरीदाबाद में ताजा कचरे के प्रभावी प्रबंधन के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम फरीदाबाद द्वारा विभिन्न स्थलों पर 890 टन प्रतिदिन (टीपीडी) की क्षमता की विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। मुझारी लैंडफिल साइट पर 4 एकड़ भूमि पर अगले 15 दिनों के भीतर नई अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधा का काम शुरू होने की संभावना है।

इस साइट को 171.95 लाख रुपए से विकसित किया जा रहा है। जिसकी प्रसंस्करण क्षमता 259 टीपीडी होगी। प्रतापगढ़ में 4 एकड़ भूमि पर 167.67 लाख रुपए की लागत से 250 टीपीडी की क्षमता का एक अन्य अपशिष्ट प्रसंस्करण स्थल विकसित किया जा रहा है।

कौशल ने अधिकारियों को जीपीएस युक्त वाहनों का उपयोग करके रिफ्यूज-डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) का समय पर निपटान करने के निर्देश दिए। नगर निगम, गुरुग्राम के अधिकारियों ने बताया कि 30 सितंबर तक मुरथल में जेबीएम वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट (डब्ल्यूटीई) सुविधा में शेष 25,000 मीट्रिक टन आर.डी.एफ. का निपटान किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने अपशिष्ट निपटान प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए गुरुग्राम में दो और लैंडफिल साइट्स की पहचान करने और एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर इसे अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। उन्होंने बंधवाड़ी साइट पर दैनिक अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। नगर निगम आयुक्त से प्रत्येक गतिविधि के लिए समय-सीमा तय करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को नामित करने के भी निर्देश दिए।

गुरुग्राम के नगर आयुक्त पी.सी.मीणा ने बताया कि एमसीजी ने ताजा अपशिष्ट निपटान के लिए बंधवाड़ी में 2.5 एकड़ भूमि विकसित की है। डंपिंग का कार्य 15 अप्रैल से शुरू हो गया है। अतिरिक्त लैंडफिल साइट चिन्हित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में पुराने कचरे के प्रसंस्करण के लिए एक रोडमैप भी प्रस्तुत किया। पर्यावरण, वन तथा वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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