चंडीगढ़। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जे पी दलाल ने कहा कि प्रदेश में पशुपालन व्यवसाय का अहम योगदान है। राज्य में पशुधन क्षमता 2.1 प्रतिशत है और दूध का उत्पादन 116.29 लाख टन है, जो देश के कुल दूध उत्पादन का 5.26 प्रतिशत है।
यह बात दलाल ने एसकेआईसीसी श्रीनगर में विश्व दुग्ध दिवस पर पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए आयोजित दो दिवसीय समर मीट के दौरान कही। इसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 16 मंत्रियों ने भाग लिया।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव कुमार बालियान, जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे।
दलाल ने कहा कि दो दिवसीय समर मीट के दौरान विचारों के आदान-प्रदान से पशुधन एवं डेयरी क्षेत्र में उत्पादकता के साथ-साथ प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के उन्नयन के लिए नई व्यवहारिक रणनीतियों की पहचान करने में मदद मिलेगी। सम्मेलन के दौरान केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। विभिन्न राज्यों के सुझावों और पहलों पर संबंधित राज्य मंत्रियों के साथ चर्चा की।
जेपी दलाल ने टीकाकरण सेवाओं जैसी पहलों पर चर्चा के अलावा उत्पादन डेटा साझा कर राज्य में मोबाइल पशु चिकित्सा वैन संचालन के लिए कॉल सेंटर की स्थापना करना, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के योगदान व राज्य सरकार के अन्य प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
बैठक के दौरान पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने हरियाणा में पशुओं के टीकाकरण के समय कृमिनाशक और खनिज मिश्रण उपलब्ध कराने की भी मांग रखी। उन्होंने डेयरी सहकारी समितियों की तरह दूध के प्रसंस्करण के लिए व्यक्तिगत किसानों को बल्क मिल्क कूलर प्रदान करने के अलावा पशु चिकित्सा निदान को मजबूत करने का भी आह्वान किया।
बैठक में पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सचिव, डॉ एल मुरुगन, सुश्री अलका उपाध्याय, पशुपालन और डेयरी विभाग हरियाणा के विशेष सचिव जयबीर सिंह आर्य, महानिदेशक डॉ. बी एस लौरा सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।