मरने के बाद भी जिंदा रहेगी जसपाल, कईयों की बचाएगी जान

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Update: 2022-09-28 14:24 GMT
चंडीगढ़। पी.जी.आई. में एक और ब्रेन डैड मरीज की बदौलत कई जरूरतमंदों को नया जीवन मिल गया। ब्रेन डैड 50 वर्षीय जसपाल कौर के पति गुरदीप सिंह दीपा ने कहा कि भगवान ने हर किसी को मकसद के लिए दुनिया में भेजा होता है। ऐसा लगता है कि जसपाल भी इसी मकसद से आई थी ताकि दूसरों को नई जिंदगी दे सके। जसपाल हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहती थी और जाते-जाते भी यह नेक काम कर गई। उसकी मौत जाया न हो यही सोचकर ऑर्गन डोनेट करने का फैसला लिया।
पी.जी.आई. के डॉक्टर विवेक पाल की मानें तो असल जिंदगी में ऐसे लोग हीरो होते हैं, जो अपने दुख को भुला कर दूसरों की मदद करते हैं। संगरूर के रहने वाले इस परिवार ने बड़ा जज्बा दिखाते हुए यह फैसला लिया और एक मिसाल कायम की है। उम्मीद है कि इससे लोग प्रेरित होंगे। तीन जरूरतमंद मरीजों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए हैं। किडनी और लोवर पी.जी.आई. में ही ट्रांसप्लांट हुआ।
टू-व्हीलर पर जाते समय हुआ था एक्सीडेंट
जसपाल कौर टू-व्हीलर पर जाते समय एक्सीडेंट का शिकार हुई थी। सिर में गंभीर चोट लगी। 18 सितंबर को पटियाला के राजेंद्रा हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। महिला को पी.जी.आई. लाया गया, लेकिन यहां भी हालत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा था। डॉक्टरों ने सभी प्रोटोकॉल के बाद ब्रेन डैड घोषित कर दिया। आर्गन डोनेशन की सहमति के बाद किडनी और लीवर पी.जी.आई. में ही मैचिंग रिसीपियंट को लगाई गई।
पहले 13 मरीजों को ऑर्गन किए ट्रांसप्लांट
4 दिन पहले ही 3 ब्रेन डैड मरीजों के ऑर्गन दिल्ली और पी.जी.आई. में ट्रांसप्लांट हुए थे। इसमें 6 किडनी, 6 कॉर्निया और हार्ट दिल्ली के हॉस्पिटल में भेजा गया था। 46 साल की महिला के लिए हार्ट पी.जी.आई. से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एयर लिफ्ट कर भेजा गया। दिल जहां दूसरे हॉस्पिटल से शेयर हुआ वहीं कॉर्निया, किडनी पी.जी.आई. में जरूरतमंद गरीबों को ट्रांसप्लांट हुए हैं। कुल 13 मरीजों को नया जीवन मिल पाया था।
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