Puncom को झटका देने की तैयारी में सरकार, विनिवेश को लेकर लिया बड़ा फैसला
बड़ी खबर
पंजाब। पंजाब कम्युनिकेशंस लिमिटेड (पनकॉम) को पंजाब सरकार ने करारा झटका दिया है। पंजाब केसरी को मिली जानकारी के अनुसार पनकॉम के विनिवेश पर राज्य सरकार रोक लगाने वाली है। इसकी वजह यह है कि कंपनी लगातार घाटे में चल रही है। पंजाब सरकार कंपनी के दूरसंचार और आई.टी. उपकरणों के निर्माण और समाधान संबंधी अपनी 71.20% हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश पर फिर से विचार कर रही है। हाल ही में वित्त विभाग द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उद्योग विभागों और पनकॉम के साथ एक बैठक के बाद उद्योग विभाग को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम की वित्तीय स्थिति, संपत्ति और कर्मचारियों की स्थिति का फिर से अध्ययन करने और उपलब्ध विकल्पों का सुझाव देने के लिए कहा गया है।
राज्य सरकार ने पनकॉम में हिस्सेदारी पर नियंत्रण पा लिया है जबकि पंजाब इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन लिमिटेड (पंजाब इंफोटेक) और बाकी हिस्सेदारी का बड़ा हिस्सा जनता के पास है। चार साल पहले कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा पनकॉम, पंजाब वित्तीय निगम (पी.एफ.सी.) और पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम (पी.एस.आई.डी.सी.) की सरकारी हिस्सेदारी को प्रबंधन नियंत्रण के ट्रांसफर के साथ रणनीतिक विनिवेश के माध्यम से बेचने का निर्णय लिया गया था। कैबिनेट ने तब प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए मुख्य सचिव के अधीन एक कोर ग्रुप का गठन किया था और बाद में सार्वजनिक उद्यम और विनिवेश निदेशालय ने राज्य सरकार की कंपनी में 71.20% की पूरी हिस्सेदारी को बेचने के लिए सितंबर 2020 में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ई.ओ.आई.) के लिए एक वैश्विक आमंत्रण जारी किया था, लेकिन यह प्रभावी नहीं हुआ।
एक अधिकारी ने जानकारी देते बताया कि सरकार को इस कंपनी और उसकी संपत्ति का पूरा मूल्य नहीं मिल रहा है इसलिए वह पनकॉम के विनिवेश पर पुनर्विचार कर रही है। उद्योग विभाग से कहा गया है कि वह अपने कर्मचारियों को वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम की पेशकश कर उनकी लागत कम करे या उन्हें अन्य विभागों में नियुक्त करने का प्रयास करे। एक अधिकारी ने अपनी पहचान न बताते हुए कहा कि एक बार कर्मचारियों को सैट कर दिया जाए इसके बाद सरकार यह तय कर सकती है कि इमारत, जमीन और अन्य अचल संपत्तियों का निपटारा कैसे किया जाए। पंजाब केसरी को मिली जानकारी के अनुसार 187 नियमित कर्मचारियों में से 22 ने पहले ही वी.आर.एस. का विकल्प चुना है और 6 अन्य नियुक्तियों पर चले गए हैं। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि पनकॉम अपने कर्मचारियों के लिए वी.आर.एस. के लिए एक नई पेशकश करने की योजना बना रही है क्योंकि लगातार घाटे के कारण इसकी चल निधि प्रभावित हुई है और कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए नकद भंडार का इस्तेमाल किया जा रहा है।