Punjab.पंजाब: लुधियाना के नौघरा इलाके में स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव थापर का पैतृक घर - जिसे पंजाब सरकार ने संरक्षित स्थल घोषित किया है - अभी भी जर्जर अवस्था में है। छत से पानी टपकने और दीवारों में दरार आने से चिंतित स्वतंत्रता सेनानी के रिश्तेदार अशोक थापर ने संपत्ति के जीर्णोद्धार के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान से हस्तक्षेप करने की मांग की है। पंजाब प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम-1964 के तहत संरक्षित स्मारक घोषित इस संपत्ति का प्रबंधन सांस्कृतिक मामले और संग्रहालय निदेशालय, पंजाब द्वारा किया जाता है। विभाग के एक अधिकारी रमन खेड़ा ने कहा कि यह मामला “उनके संज्ञान में नहीं है”। सुखदेव थापर को 23 वर्ष की आयु में ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार ने 23 मार्च, 1931 को अविभाजित भारत के लाहौर सेंट्रल जेल में और राजगुरु के साथ फांसी पर लटका दिया था। स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह
‘सरकारी उदासीनता का सामना करना पड़ा’
शहीद सुखदेव थापर मेमोरियल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक थापर ने आरोप लगाया कि “यह चौंकाने वाली बात है कि राज्य सरकार, जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग घर के रखरखाव पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि घर पर विभाग द्वारा नियुक्त एक क्लर्क भी नियमित रूप से अपनी ड्यूटी पर नहीं आ रहा है, जिसके कारण घर लंबे समय से बंद पड़ा है। अशोक थापर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 2013 में इस जगह के रखरखाव के लिए विभाग के अधिकारियों, जिला प्रशासन और शहीद के रिश्तेदारों को शामिल करते हुए एक समिति बनाई थी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने समिति को घर के उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए हर महीने बैठक करने का निर्देश दिया था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हालांकि, संबंधित अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि अब उन्होंने इस मुद्दे के तत्काल समाधान के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।