मांगों को लेकर सभी टोल प्लाजाओं पर जुटे किसान, बोले- मान सरकार नहीं सुन रही उनकी बात

पंजाब के किसानों के संगठन अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सड़क पर उतर आए हैं।

Update: 2022-12-16 05:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेसक | पंजाब के किसानों के संगठन अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सड़क पर उतर आए हैं। उनका आरोप है कि राज्य की भगवंत मान सरकार उनको अनदेखा कर रही है। किसान मजदूर संघर्ष समिति (Kisan Mazdoor Sangharsh Committee – KMSC) के नेतृत्व में किसान संगठनों ने गुरुवार से राज्य के 18 टोल प्लाजा (Toll Plazas) पर अपना प्रदर्शन तेज कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी है कि गुरुवार से एक महीने तक टोल प्लाजा से गुजरने वाले किसी भी वाहन से शुल्क नहीं वसूलने देंगे। उन्होंने अपना आंदोलन तेज करते हुए कृषि ऋण माफी (Farm Debt Waiver), फसलों के लिए लाभकारी मूल्य (Remunerative Prices) और फसलों को नुकसान के लिए मुआवजे (Compensation) सहित अपनी विभिन्न मांगों को मानने के लिए राज्य सरकार पर दबाव डालना शुरू कर दिया है।

15 जनवरी तक नहीं होने देंगे वाहनों से वसूली
केएमएससी (KMSC) के महासचिव सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने कहा कि उनके प्रदर्शन के दौरान 15 जनवरी तक टोल प्लाजा राज्य के यात्रियों के लिए मुफ्त है। हालांकि उन्होंने यह साफ किया कि टोल प्लाजा के कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं रुकेगी
इस बीच टोल प्लाजा पर वसूली रोकने के किसानों के कदम का कर्मचारियों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि अगर टोल वसूली बंद कर दी जाएगी तो उन्हें वेतन कैसे मिलेगा। चोलांग टोल प्लाजा (Cholang Toll Plaza) पर तैनात एक महिला कर्मचारी ने पीटीआई से कहा, "हमें यहां से वेतन मिलता है। किसान हमें वेतन नहीं देने जा रहे हैं।" टोल प्लाजा कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि जिला प्रशासन प्रदर्शनकारी किसानों को नियंत्रित करने में विफल रहा है।
चेताया टोल प्लाजा संचालकों को नहीं बढ़ाने देंगे शुल्क
किसानों के मुद्दों के प्रति राज्य सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि टोल प्लाजा संचालकों को शुल्क नहीं बढ़ाने देंगे। ये टोल प्लाजा अमृतसर, होशियारपुर, तरनतारन, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, मोगा, जालंधर और कपूरथला में स्थित हैं।
पंढेर ने कहा कि केएमएससी के प्रति निष्ठा रखने वाले किसानों ने पहले नौ जिलों में उपायुक्त कार्यालयों पर प्रदर्शन किया था, लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया गया। इससे पहले सात दिसंबर को, पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल (Kuldeep Singh Dhaliwal) ने केएमएससी के प्रतिनिधियों से अपना प्रदर्शन वापस लेने का आग्रह किया था और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार किसानों के मुद्दों को हल करने का प्रयास कर रही है। केएमएससी ने अगले कुछ दिनों में राज्य सरकार की ओर से उनकी मांगों को नहीं मानने पर और अधिक टोल प्लाजा को मुफ्त करने की धमकी दी है।

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