डॉक्टरों ने किया मृत घोषित, पोस्टमार्टम की थी तैयारी, तभी लौट आई सांस

Update: 2023-09-20 14:59 GMT
लुधियानापंजाब के लुधियाना में एक पुलिस कांस्टेबल को जहरीले कीड़े के काटने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया था. जहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद एम्बुलेंस से पुलिस और अस्पताल के कुछ कर्मचारी मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगे. एम्बुलेंस में शव रखते समय पुलिसकर्मी हैरान रह गये क्योंकि उन्हें मृतक के शरीर में हलचल महसूस हुई और टटोलने पर नब्ज भी चलती हुई मालूम पड़ी. इसके बाद मृतक को आनन फानन में दूसरे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर है.
पीड़ित पुलिस कर्मचारी का नाम मनप्रीत है और वह कचहरी में नायब कोर्ट में तैनात है. पीड़ित के पित रामजी भी पंजाब पुलिस में एएसआई हैं. उन्होंने बताया कि मेरे बेटे मनप्रीत को किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया था, शरीर में इंफेक्शन बढ़ने पर उसे एम्स बस्सी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने उसे कोई दवा लगा दी, जिससे उसके हाथ में बुरी तरह सूजन हो गया और दर्द से वह कराहने लगा. पीड़ित पिता रामजी ने बताया कि तबियत बिगड़ती देख उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की जरुरत बताई. परिजनों की सहमति मिलने के बद उसे दो से तीन दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया.
एम्बुलेंस में रखते समय नब्ज चलती हुई मिली
स्वास्थ्य में कोई फायदा न होता देख परिजनों ने डॉक्टरों से उसे रेफर करने को कहा. पीड़ित के पिता ने बताया कि परिवार उसका इलाज पीजीआई में करवाने को कह रहा था. जब डॉक्टरों से रेफर करने की बात कही गई, तो उन्होंने कहा कि पीड़ित को जान का खतरो हो सकता है. डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि वेंटिलेटर से उतारने पर पीड़ित कांस्टेबल की तीन मिनट में मौत हो जायेगी. उसी दिन रात दो से तीन बजे की बीच स्टाफ ने मनप्रीत के मौत की बताई. जब पोस्टमार्टम के लिए मनप्रीत का शव दूसरे पुलिस स्टाफ के साथ एम्बुलेंस में रखा जा रहा था, तभी अचानक मृतक के नब्ज चलने का एहसास हुआ. ऐसा देख पीड़ित के पिता ने जबरदस्ती कह कर डीएमसी अस्पताल प्रशासन से एम्बुलेंस में जबरदस्ती एम्बुलेंस में रखकर आनन फानन में अस्पताल पहुंचाया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है और डॉक्टरों ने मृतक की हालत स्थिर बताई है.
अंतिम संस्कार के लिए इकट्ठा कर ली गई थी लकड़ियां
मनप्रीत की मौत की खबर सुनकर परिवार पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई. गांव मृतक के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां भी इकट्ठी की जाने लगी. परिवार वालों ने कांस्टेबल मनप्रीत के मौत की सूचना रिश्तेदारों को भी बताई. फिलहाल उसकी हालत में सुधार होने से परिजनों और रिश्तेदारों ने चैन की सांस ली है. वहीं पीड़ित के पिता रामजी ने इस मामले में कार्रवाई करने की बात कही है.
अस्पताल ने मामले दी सफाई
दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, एम्स बस्सी अस्पताल ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि अस्पताल के किसी भी स्टाफ ने मनप्रीत के मौत के बारे में कुछ नहीं कहा था. अस्पताल ने मरीज को जिंदा ही स्टाफ के साथ भेजा है. अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि अगर उसकी मौत हुई होती तो अस्पताल मृतक के शव के साथ डेथ समरी देता. उन्होंने परिजनों पर आरोप लगाया कि परिवार वाले अपनी मर्जी से मनप्रीत को ले जा रहे थे. उसकी स्थिति देखते हुए अस्पताल ने उसे वेंटिलेटर दिया. परिजनों के द्वारा लगाया जा रहा आरोप बेबुनियाद और गलत है.
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