मुख्यमंत्री आवास के बाहर पक्के मोर्चे में एक और अन्नदाता ने गंवाई जान
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संगरूर। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा मानी गई मांगें लागू करने में लगातार की जा रही टालमटोल के विरोध में यहां लगाए गए पक्के किसान मोर्चे के 13वें दिन शुक्रवार को एक और किसान करनैल सिंह निवासी गांव अकोई साहिब की अचानक दिल की धड़कन बंद होने से मौत हो गई। पूरे पंडाल में किसानों ने खड़े होकर 2 मिनट का मौन धारण करके शहीद को श्रद्धांजलि भेंट की। प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव जगतार सिंह कालाझाड़ ने इस मौत के लिए भी मान सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें न मानकर सरकार की चुप्पी ने धरनाकारियों में रोष बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री की कोठी की ओर जाने वाली सड़क को पटियाला रोड वाली साइड से लगातार जाम रखने की घोषणा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मांगपत्र की मांगों समेत 6 दिन पहले शहीद हुए किसान के वारिसों को मुआवजे के संबंध में भी मुख्यमंत्री चुप्पी धारण किए बैठे हैं। उन्होंने बताया कि ठोस सुझावों समेत मांगपत्र में मांग की गई है।
पंजाब के हिस्से आए दरियाई पानी को खेती में प्रयोग का रोडमैप तैयार करके किसानों को पानी तुरंत दिया जाए। उन्होंने कहा कि जीरा के नजदीक प्रदूषण का गढ़ बनी दीप मल्होत्रा की शराब फैक्टरी का प्रदूषण रोकने के लिए जत्थेबंदी से बनी सहमति के अनुसार इस फैक्टरी को तुरंत बंद किया जाए। धान के औसत झाड़ तथा काश्त गिरदावरी की शर्तें रद्द करके तथा नमी 22 प्रतिशत करके निॢवघ्न खरीद की गारंटी दी जाए। धान की जगह सावनी की अन्य फसलों का लाभकारी एम.एस.पी. निर्धारित करके पूरी खरीद की कानूनी गारंटी के लिए ठोस रोडमैप लाने का वायदा किया जाए। एस.वाई.एल. नहर जैसे सहयोगी भाव से हल हो सकने वाले मुद्दों को बेजरूरी वाद-विवाद बनाकर उभारने की भी सख्त आलोचना की गई। स्टेज सचिव की भूमिका हरजीत सिंह ने निभाई तथा एकत्रता को संबोधित करने वाले अन्य वक्ताओं में गुरभग सिंह भलाईयाना जिला महासचिव मुक्तसर, सिकंदर सिंह मौड़, चरणजीत सिंह जक्खेपल तथा जसप्रीत सिंह फरीदकोट शामिल थे।