आम आदमी पार्टी सरकार पहली बार किसानों विरोध का कर रहे है सामना
किसानों को एक बार फिर से धरना देना पड़ा है. इस बार जगह है पंजाब की राजधानी चंडीगढ़. राज्य की नई-नवेली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को पहली बार किसी विरोध का सामना करना पड़ रहा है,
किसानों को एक बार फिर से धरना देना पड़ा है. इस बार जगह है पंजाब की राजधानी चंडीगढ़. राज्य की नई-नवेली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को पहली बार किसी विरोध का सामना करना पड़ रहा है, और वो भी किसानों का. इसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वादा किया है कि वे किसानों से बातचीत कर हल निकालेंगे, लेकिन 'मुर्दाबाद' जैसे नारे लगाना उचित नहीं है.
पंजाब के किसान भीषण गर्मी के चलते गेहूं उत्पादन में कमी, फसलों का उचित दाम न मिलने, गेहूं के निर्यात पर अचानक लगाई गई रोक, बैंकों का बढ़ता कर्जा जैसी कई वजहों से एक बेहद जटिल कृषि संकट से जूझ रहे हैं.
बीते मंगलवार, 17 मई को किसानों ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर की तरह मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर पक्का मोर्चा लगा दिया. वे ट्रैक्टर-ट्रालियों पर लंगर का सभी जरूरी सामान लेकर वहां पहुंच गए और सरकार को चेतावनी दी कि अगर बुधवार तक उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वे मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे.
पंजाब सीएम क्या बोले?
मंगलवार को किसानों की मुलाकात भगवंत मान से नहीं हो पाई थी, क्योंकि वो AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिलने के लिए दिल्ली आ गए थे. हालांकि किसानों के प्रदर्शन को लेकर उनका बयान जरूर आया. इसमें मान ने कहा,'प्रदर्शन करना उनका अधिकार है. लेकिन 'मुर्दाबाद-मुर्दाबाद' उचित नहीं लगता है. मैं सब ठीक कर दूंगा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि दो महीने में ही सब हो जाएगा.'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा,
'मैं खुद एक किसान का बेटा हूं. जब मैं कह रहा हूं कि बासमती और मूंग दाल एमएसपी पर खरीदी जाएगी. कम से कम कोशिश करिए. सब कुछ 'मुर्दाबाद' नहीं हो सकता है.'
द ट्रिब्यून के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया है कि किसानों के साथ बातचीत करने के लिए समय निर्धारित किया गया है. लेकिन किसान नेता दर्शन पाल और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा है कि उन्हें अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है.
विद्युत मंत्री हरभजन सिंह की अगुवाई में राज्य सरकार की बैठक बेनतीजा होने के बाद किसानों ने पिछले हफ्ते ही घोषणा कर दी थी कि वे चंडीगढ़ में धरना शुरू करने वाले हैं. इसके बाद 17 मई को 23 किसान संगठनों से जुड़े किसान मोहाली पहुंचे. वे चंडीगढ़ जाना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें मोहाली के फेज 7 पर रोक लिया गया.
क्या है किसानों की मांगें?
पंजाब में रबी सीजन की फसलों की बुवाई शुरू होने वाली है. इनमें धान एक प्रमुख फसल है. राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि किसान 18 जून से धान की बुवाई कर सकते हैं. लेकिन कृषि संगठनों और किसानों की मांग है कि उन्हें 10 जून से बुवाई करने की इजाजत दी जाए.
धरने पर बैठीं पंजाब की महिला किसान.
इसके अलावा किसानों ने 85 हजार स्मार्ट मीटर को प्री-पेड मीटर में बदलने को लेकर विरोध जताया है. उनका कहना है कि ये किसानों के लिए उचित नहीं है. पंजाब के किसान मक्का और मूंग को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की मांग कर रहे हैं.
अन्य मांगें
इसके अलावा भी किसानों की मांगें हैं, जो इस तरह हैं,
गेहूं की पैदावार कम होने के कारण 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस.
धान की बुवाई के लिए 10 जून से निर्बाध बिजली आपूर्ती.
मूंग और मक्का के अलावा बासमती की भी एमएसपी पर खरीद.
बासमती की एमएसपी 4500 रुपये करने की मांग.
बैंकों द्वारा लोन के चलते किसानों की कुर्की बंद करने की मांग.
दो लाख रुपये तक की कर्ज मांफी की मांग.