संबलपुर (ओडिशा)। बेंगलुरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में युवा वैज्ञानिक के रूप में कार्य कर अपने गृह जिला बरगढ़ समेत ओडिशा का मान सम्मान और गौरव बढ़ाने वाले निहार रंजन प्रधान का सोमवार की दोपहर तालाब में डूबने से मौत हो गई। वह शनिवार के दिन छुट्टी पर अपने गांव आया था। उसकी मौत की खबर से समूचा प्रदेश सकते में है और चारों तरह शोक की लहर फैल गई है। गौरतलब है कि इसी वर्ष जनवरी में निहार रंजन प्रधान को इसरो में युवा वैज्ञानिक के रूप में कार्य करने के लिए मनोनीत किया गया था।बरगढ़ जिला के अंबाभोना ब्लाक अंतर्गत झारपाली गांव के किसान राजकुमार प्रधान और पत्नी पंकजिनी प्रधान का छोटा बेटा निहार रंजन का बचपन से ही विज्ञान के प्रति रुचि था।
निहार रंजन बड़ा होकर वह अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहता था। उसकी रुचि को जानने के बाद परिवार ने उसका भरपूर साथ दिया। गांव के स्कूल से सातवी तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद निहार ने हाई स्कूल की पढ़ाई अंबाभोना स्थित केदारनाथ आदिवासी हाई स्कूल से पूरी करने के बाद बरगढ़ स्थित विकास जूनियर कालेज से बारहवीं विज्ञान में दाखिला लिया। जेईई मेन और एडवांस के नतीजे आने के बाद निहार ने इंस्टीटूट आफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलाजी में एरोस्पेस इंजीनियरिंग के बीटेक में दाखिला लिया और ग्रेजुएशन के बाद उसे इसरो में वैज्ञानिक के रूप में कार्य करने के लिए मनोनीत किया गया था। निहार को लेकर उसके माता पिता ने कई सपने संजोए थे, जो उसकी अकाल मौत के बाद चूरचूर हो गए। इस बीच, ओडिआ संगीत के जन्मदाता, सूर सम्राट पद्मश्री प्रफुल्ल कर 83 साल की उम्र में निधन हो गया है। रविवार रात करीबन 9:30 बजे प्रफुल्ल कर के निधन होने की जानकारी उनके पुत्र महादीप कर ने दी है। प्रफुल्ल कर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तथा राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने ट्वीट कर शोक प्रकट किया है।