अनूठी उपलब्धि: दो साल पांच महीने की उम्र में बच्ची ने बना डाली 117 पेंटिंग

ओडिशा के भुवनेश्वर में पैदा हुई बच्ची अन्वी अग्रवाल ने मात्र 2 साल 5 महीने की उम्र में अनूठी उपलब्धि हासिल की है

Update: 2022-04-18 16:14 GMT
भुवनेश्‍वर। ओडिशा के भुवनेश्वर में पैदा हुई बच्ची अन्वी अग्रवाल ने मात्र 2 साल 5 महीने की उम्र में अनूठी उपलब्धि हासिल की है। अन्वी ने एक बच्चे द्वारा बनाई गई पेंटिंग की अधिकतम संख्या का विश्व रिकार्ड अपने नाम किया है, जिसके लिए वर्ल्ड बुक आफ रिकार्डस, लंदन और इंडिया बुक रिकार्डस द्वारा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया है।
अन्वी के माता-पिता अनुराधा डालमिया अग्रवाल एवं विशेष अग्रवाल ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि की कला यात्रा जब वह 9 महीने की थी तभी से शुरू हो गई थी। कोविड का काल चल रहा था चारों तरफ लाक-शटडाउन था। ऐसे में एक घर से दूसरे के घर में आना-जाना बंद था। मम्मी अनुराधा डालमिया अग्रवाल ने बताया कि खाने-पीने की सामग्री से वह खेलते-खेलते कलाकृति बना देती थी। इसके इस हुनर को देखने के बाद हमने इसे खेलने के लिए कलर के रूप में हल्दी का पानी, बीटरूट आदि देने लगे।
इससे अन्वी की रूचि कलर के प्रति और बढ़ गई। अपनी फीडिंग चेयर पर शून्य स्क्रीन एक्सपोजर के साथ अपने भोजन के समय को बनाने के प्रयास करने लगी। वह स्वाद सुरक्षित रंगों (हल्दी, चुकंदर, केसर, काले अंगूर) के साथ निचोड़, डालना, फैलाना, स्थानांतरण, मोल्डिंग तकनीक से जुड़ी हुई थी। नन्ही सी बच्ची को रंगों से प्यार हो गया। परिवार ने भी नन्ही सी बच्ची को वह जो चाहती वैसा ही माहौल उपलब्ध कराया और बच्ची की रचनात्मक शैली का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। हमने अपने घर से टेलीवजन को हटा दिया और बच्ची को विभिन्न प्रकार के किताब पकड़ा दी। बच्ची किताब में ही व्यस्त रहती और कलर पेंटिंग के प्रति उसका प्रेम दिन प्रतिदिन निखरता गया।
उन्होंने कहा कि अन्वी की इस उपलब्धि से उसके दादा महेन्द्र अग्रवाल, दादी मृदुला अग्रवाल, नाना केशव डालमिया, नानी सुमन अग्रवाल एवं पूरा परिवार आज आनंदित है। अन्वी को कला भगवान से मिली हुई है। हम चाहते हैं कि हमारी यह नन्हीं से गुड़िया कला के क्षेत्र में एक दिन देश का नाम रोशन करे और इसके लिए अब हमने सभी प्रकार के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। आस-पड़ोस के कुछ लोगों के सुझाव के बाद हमने बच्ची का नाम लिम्‍का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराने का प्रयास किया मगर वहां से पता चला कि वे नन्हें बच्चों की कृति को अब लिम्‍का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज नहीं करते हैं। ऐसे में उन्हीं के सुझाव पर हमने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन और इंडिया बुक रिकॉर्डर्स से संपर्क किया था।
उन्होंने बताया कि बेबी अन्वी को नॉन ब्रश पेंटिंग पसंद है और उसने कैनवास को पेंट करने के लिए अपने खिलौनों को एकीकृत करके 37 प्लस तकनीकों को स्वयं रोमांचित किया है। इसलिए दिलचस्प बनावट और पैटर्न बनाते हैं, जैसे चुंबक, पेंडुलम, "कलर्स ऑन व्हील्स" अपने स्कूटर बनाने के पैटर्न के साथ, दर्पण के साथ प्रतिबिंब कला, बाल कंघी बनावट, कैनवास पर उसके पुराने खिलौनों को फिर से बनाना, मानव स्पाइरोग्राफी, टॉय कार ट्रैक, बबल पेंटिंग और बहुत कुछ।
जब वह 1 वर्ष 9 महीने की थी, तो उसने विदेशी भाषा (स्पेनिश) बोलने, ध्वन्यात्मकता की सभी 42 ध्वनियों को जानने और दुनिया के स्मारकों, देश के नामों, झंडों और सामान्य जागरूकता के विभिन्न अन्य विषयों का ज्ञान रखने के लिए भारत की रिकॉर्ड बुक बनाई। अन्वी अभी तक 117 पेंटिंग बना चुकी है। इसमें से 72 पेंटिंग को हमने रिकार्ड के लिए भेजा था। कोविड वास्तव में घर पर बच्चों का मनोरंजन करने और उन्हें एक ही समय में सीखने के लिए प्राप्त करने के लिए चुनौतीपूर्ण था, यहां तक ​​​​कि उनके चित्रों का समर्थन करने के लिए सामग्री की सोर्सिंग वेबसाइटों के माध्यम से की गई थी।
अन्वी के माता-पिता का मानना है कि हम सौभाग्यशाली हैं कि भगवान ने हमें ऐसी बच्ची दी जिसने नन्ही सी उम्र में जब बच्चे ठीक से बोल भी नहीं पाते हैं, विश्व रिकार्ड बना डाला है।
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