शर्मसार: बेटे की लाश को अंतिम संस्कार के लिए ट्राली में लेकर गया पिता

लाश को अंतिम संस्कार के लिए ट्राली में लेकर गया

Update: 2021-11-16 11:32 GMT
ओडिशा की प्राचीन राजधानी तथा व्यापारिक नगरी कटक सिटी में सोमवार को एक दुखद चित्र देखने को मिला है। एक गरीब, बेबस बाप अपने 14 वर्षीय बेटे की लाश को ट्राली में लादकर अंतिम संस्कार के लिए शमशान तक ले जाता नजर आया है। बेटे की मौत के बाद आस पड़ोस के लोग उसे चार कंधा देकर शमशान तक ले जाने के लिए जब नहीं आए तो मजबूरी में यह ट्राली चालक अपनी बेटे की लाश को कानून विश्वविद्यालय के पास से सतीचौरा शमशान तक ट्राली में लाद कर अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़ा। ऐसे में आधे रास्ते से एक एंबुलेंस बच्चे की लाश को शमशान तक लाया। जब इसके बारे में एक सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं को खबर लगी तो यह कार्यकर्ता तुरंत एम्बुलेंस लेकर उनके पास पहुंचे। इस घटना के बाद यह बात सामने आई है कि निश्चित तौर पर राज्य सरकार द्वारा लागू किए जाने वाली हरिश्चंद्र योजना किस तरह से गरीब लोगों के काम में आ रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय कानून विश्व विद्यालय के पास अपने दो बेटे और बुड्ढे मांं- बाप के साथ रहने वाले ट्राली चालक काशीनाथ साहू रहता है। पत्नी की पहले से ही निधन हो चुका है। उनके 14 वर्षीय बड़े बेटे नारायण साहू को दो महीना पहले एक कुत्ते ने काट लिया था। जिसके चलते उसे लगातार बुखार आ रहा था । ऐसे में पैसा ना होने हेतु उसका ठीक से इलाज नहीं हो पा रहा था। लेकिन पिछले 14 नवंबर की सुबह एक सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से काशीनाथ बेटे को एक सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से शिशु भवन में दाखिल किया था। वार्ड नंबर तीन और बेड नंबर 88 में दाखिल कर उसका इलाज किया जा रहा था। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। काशीनाथ घर के पास उसकी लाश को लाकर अंतिम संस्कार के लिए निकला तभी आस-पड़ोस के लोग सगे संबंधी कोई भी उसे कंधा देने के लिए आगे नहीं आया।
इसके बाद काशीनाथ मजबूरन उसकी लाश को ट्राली में लादकर सतीचौरा शमशान के लिए निकला। तभी सावित्री जन सेवा ट्रस्ट नामक एक सामाजिक संगठन को इस के बारे में खबर लगी तो, एक एम्बुलेंस बुलाकर यह संस्थान के कार्यकर्ता लाश को बीच रास्ते से शमशान तक ले गया और इस संस्थान के कार्यकर्ता विधि अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया। इस कार्य में सावित्री सेवा ट्रस्ट के कार्यकर्ता विभूति राय, सुजीत राय, रंजन माहाली, त्रिमूर्ति माली, चंदन मोहंती, राहुल सिंह अपने खर्चे पर उसका अंतिम संस्कार किया। यह दुखद चित्र निश्चित तौर पर राज्य सरकार की विभिन्न जनहित योजनाओं पर सवालिया निशान खड़ा किया है। घटना के चलते कटक शहर के बुद्धिजीवी और आम लोगों ने काफी असंतोष जताया है।
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