कटक: उड़ीसा उच्च न्यायालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को मालती किरसानी नामक महिला को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जिसके पति गंगाधर किरसानी की 29 अक्टूबर, 2013 को कोरापुट जिले के मचकुंड पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत लिटिपुट में सुरक्षाकर्मियों और माओवादियों के बीच गोलीबारी के दौरान मौत हो गई थी।
अदालत ने यह निर्देश 2015 में मालती द्वारा दायर याचिका पर जारी किया। उसने अपने पति की “हत्या” के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था, जब वह जानवरों के घुसपैठ से अपनी रागी की फसल की रखवाली कर रहा था।
मामले के रिकॉर्ड के अनुसार, बीएसएफ ने दावा किया था कि नक्सलियों से कथित संबंध रखने वाले गंगाधर की मौत माओवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच 20 मिनट तक चली गोलीबारी में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान हुई थी।