बालासोर, एएनआइ। हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (एचईएटी) का बुधवार को डीआरडीओ द्वारा ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) चांदीपुर से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। इसकी मारक क्षमता काफी दूरी तक है।
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत में वृद्धि करते हुए शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर तट पर वीएलएसआरएसएएम मिसाइल (वर्टिकल लांच शार्ट रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। डीआरडीओ की ओर से विकसित यह मिसाइल युद्धपोत से दागा जा सकेगा। यह समुद्री खतरों के साथ आसपास के हवाई खतरों से निपटने में भी सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 25 से 30 किलोमीटर तक है। इसके साथ ही यह 12 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है। कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के विमान व मिसाइल को यह आसानी से नष्ट कर सकती है। गति, सटीकता और मारक क्षमता इसकी बड़ी खासियतें हैं। 360 डिग्री के कोण पर घूमकर यह मिसाइल किसी भी दिशा में प्रहार कर सकती है। वहीं, आपात स्थिति में इसे किसी भी लड़ाकू जहाज से छोड़ा जा सकता है। दुश्मन के रडार को चकमा देने में भी यह सक्षम है। इसमें 22 किलो वजन तक का विस्फोटक इस्तेमाल किया जा सकता है।
मिसाइल के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ व नौसेना को बधाई दी है। नौसेना के प्रमुख एजमिरल आर हरिकुमार ने भी नौसेना और डीआरडीओ की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के विकास से भारतीय नौ सेना की रक्षात्मक क्षमता और भी मजबूत होगी। डीआरडीओ के अध्यक्ष डा. जी सतीश रेड्डी ने भी मिसाइल के निर्माण, विकास व परीक्षण में शामिल टीम की सराहना की है। शुक्रवार को मिसाइल अपने सभी परीक्षणों पर खरी उतरी। परीक्षण के दौरान युद्धपोत की तरफ अत्यंत तेजी के साथ आ रहे एक हवाई लक्ष्य पर प्रहार कर मिसाइल ने कम समय में ही नष्ट कर डाला। मिसाइल की क्षमता, सटीकता और प्रभाव का आकलन करने के लिए आइटीआर चांदीपुर की ओर से उपकरण लगाए गए थे।