Odisha : मां हमारी पहली और सबसे बड़ी शिक्षिका होती है, गुरु दिवस के अवसर पर डॉ. अच्युत सामंत ने कहा
भुवनेश्वर Bhubaneswar : पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर पूरे भारत में गुरु दिवस या शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। केआईआईटी और किस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने आज केआईआईएस परिसर में आयोजित गुरु दिवस कार्यक्रम में शिरकत की और गुरु दिवस के महत्व के बारे में बताया।
डॉ. सामंत ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में अलग-अलग चरणों में अलग-अलग गुरुओं से मिलना पड़ता है। लेकिन एक गुरु जो जन्म से ही हमारे साथ होता है, वह है मां। हर किसी के लिए उसकी मां ही परम गुरु होती है। वह कभी भी शिक्षा के बदले में किसी पुरस्कार या सम्मान की अपेक्षा नहीं करती।
इसलिए शिक्षकों के साथ-साथ सभी को हमेशा अपनी मां का भी सम्मान करना चाहिए, जो जीवन की पहली शिक्षिका होती हैं।
डॉ. सामंत ने अपना उदाहरण देते हुए कहा, ‘मेरी मां हमेशा मुझसे कहती थी - थिली काना, हेली काना ओ हेबी काना’ ताकि मैं इसे कभी न भूलूं। मेरी मां की उन सीखों ने आज मुझे एक सफल व्यक्ति बनने में मदद की है। इस अवसर पर KISS के वरिष्ठ कर्मचारी, शिक्षक, छात्र, व्याख्याता, संकाय और छात्राएं उपस्थित थीं।